रायपुर। संगठन और सरकार में दो बड़े बदलाव करने के बाद बड़े ही सलीके से कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल (Congress did Damage Control) कर लिया है। जहां प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी से मुक्त हुए मोहन मरकाम को मंत्री पद की आज शपथ दिलाई गई। वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम सॉय टेकाम से इस्तीफा (Resignation from Prem Soy Tekam) लेने के बाद उन्हें राज्य योजना आयोग अध्यक्ष की कमान सौंपी गई। इनके कैबिनेट मंत्री के रूतबा भी सरकार ने बरकरार रखा है। क्योंकि प्रेम सॉय टेकाम ने कल अपने बयान में बड़े ही रूखे अंदाज में कहा था, इस्तीफा दिया नहीं, लिया जाता है। मुख्यमंत्री के विवेकाधिकार पर निर्भर है कि किसे क्या जिम्मेदारी दी जाए। उन्होंने कहा था, कांग्रेस पार्टी के लिए चुनाव में काम करेंगे। उनके इस कथन के बाद सियासी गलियारे में चर्चा हाेने लगी कि शायद उनका टिकट भी कट सकता है। चुनावी रण में जाेरदार तरीके उतरने के लिए कांग्रेस ने संगठन और सरकार के मंत्री के पदों में फेरबदल की कवायद में हैं।
ऐसे में कांग्रेस के इस बदलाव के माहौल में बीजेपी ने सियासी राग अलापने में लगी है। जहां मोहन मरकाम के प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने पर बीजेपी के नेता इसे आदिवासी समाज का अपमान तक बता डाला था। बीजेपी इस मुद्दे को लेेकर कांग्रेस की छवि आदिवासी विरोधी बताने और बनाने में जुट गई। लिहाज, विपक्ष के वार से बन रही नकारात्मक छवि के डैमेज कंट्रोल को रोकने के लिए कांग्रेस सरकार ने दांव चला। आखिरकार मोहन मरकाम को मंत्री की शपथ दिला दी गई।
कांग्रेस में चल रही तेजी से घटना क्रम में प्रेमसॉय टेकाम से इस्तीफा लेने के बाद उन्हें आज योजना आयोग के अध्यक्ष के पद पर नवाज दिया गया। साथ ही इनके कैबिनेट मंत्री के रूतबे को बरकार रखने का ऐलान हो गया। जबकि कल टेकाम ने इस्तीफा के बाद कहा था, मुझसे कहा गया कि अखिल भारतीय कांग्रेस का निर्देश है कि आप इस्तीफा दे दीजिए, जिसका हमने पालन किया।
इसके बाद बीजेपी को मरकाम के बाद टेकाम का मुद्दा मिल गया। लेकिन कांग्रेस के चतुर रणनीतिकारों ने विपक्ष का सियासी मौके को ही पलट दिया। ऐसे में बीजेपी की कांग्रेस के बदलाव को जोड़कर एक विशेष समुदाय को संदेश देने की योजना ठंडी पड़ गई है। इसके बावजूद अब बीजपी कांग्रेस के इस बदलाव यह बताने की कोशिश में फिर जुट गई है कि कांग्रेस दोबारा सत्ता में आने के लिए सारी कवायद कर रही है। बरहाल, इस बदलाव को कांग्रेस और बीजेपी में सियासी जुबानी जंग छिड़ी है।
कल भूपेश बघेल ने बीजेपी के आरोप पर कहा था, रायपुर के राष्ट्रीय अधिवेशन में तय हुआ था। देश में 50 प्रतिशत प्रदेश अध्यक्ष की सीटों पर युवाओं को मौका दिया जाएगा। 50 से साल से कम उम्र के युवा को कमान देने की पहल छत्तीसगढ़ से हो गई है। और हमारे दीपक बैज जी 42 साल के हैं। मोहन मरकाम को मंत्री के रूप में बनाकर उन्हें जनसेवा का मौका मिला है।
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