छत्तीसगढ़। कोयला सहित अन्य कारोबारियों के यहां चार दिन से छापेमारी की कार्रवाई चल रही थी। अब कार्रवाई पूरी होने के बाद गड़बड़ी के मिले दस्तावेजों के साथ टीम वापस लौटने लगी है। सूत्रों के मुताबिक अभी कुछ व्यापारियों से पूछताछ भी की जा रही है। वैसे 100 अफसरों की टीम अब दिल्ली वापस लौटने लगी है। बताया जा रहा है कि छापे की सूचना के बाद अपने-अपने घरों से फरार व्यापारियों के यहां से करोड़ों रुपए बरामद किया है।
बता दें, आयकर विभाग की टीम ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी की कार्रवाई की थी। इसमें रायगढ़, बिलासपुर और रायपुर में काेयला व्यापार से जुड़े लोगों के यहां छापेमारी की गई थी। चर्चा है कि इस दौरान टीम को करोड़ों रुपए की नकदी कारोबारियों के यहां बरामद किया गया है। इसमें लेनेदेन में अनियमितता पाई गई है। जिन लोगों के यहां छापेमारी की गई थी, उनमें प्रदेश के सबसे बड़े व्यापारी बजरंग अग्रवाल व बनवारी अग्रवाल के बिलासपुर निवास में भी टीम ने छापेमारी की थी। बताया जा रहा है कि इनका इसके अलावा राईस मिल और रियल स्टेल में भी ये दोनों व्यापारी भारी मात्रा में निवेश किया है।
रायगढ़ में संजय अग्रवाल के ठिकानों पर जांच की गई। कोयला कारोबारी राकेश शर्मा, रायपुर में लॉ विस्टा सोसायटी में रामगोपाल अग्रवाल के घर की तलाशी ली गई। इस्पात कंपनी के मालिक संजय अग्रवाल ने पिछले दिनों राज्य सरकार से 5000 करोड़ रुपए एमओ पर साइन किया था। इसके साथ ही उन्होंने पिछले2 साल में अपने प्लांट का एक्सटेंशन 2000 करोड़ रुपए की लागत से कराया था।
इसके पूर्व ईडी ने कोयला परिवहन में अवैध उगाही और घोटाले के अरोप में आईएएस समीर बिश्नोई, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी जेल भेज दिया है। इसके यहां करोड़ों रुपए बरामद किए गए थे। इसके साथ ही कथाकथित कांगेस नेता और सीएम के खास सूर्यकांत तिवारी को इस पूरे मामले में मुख्य आरोपी और अवैध वसूली का मास्टर माइंड ईडी ने बताया है।