रायपुर। छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (Guru Ghasidas Central University) में एक एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) कैंप के दौरान हिंदू छात्रों को जबरन नमाज़ पढ़वाने (Hindu students forced to offer namaz) का मामला सामने आया है। छात्रों ने इस संबंध में कोनी थाना में शिकायत दर्ज कराई है। यह कैंप 26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक आयोजित किया गया था, जिसमें विश्वविद्यालय के कुल 159 छात्र शामिल हुए थे।
शिकायत दर्ज कराने वाले छात्रों का कहना है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता का सीधा उल्लंघन है। छात्रों का आरोप है कि उन्हें बिना किसी सहमति के धार्मिक गतिविधियों में शामिल किया गया, जो उनकी व्यक्तिगत आस्था के खिलाफ है। छात्रों का यह भी कहना है कि यदि ऐसी स्थिति उल्टी होती, तो भारी हंगामा होता। मामले को लेकर अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे छात्रों और अभिभावकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। छात्रों द्वारा की गई शिकायत को कोनी थाना पुलिस ने स्वीकार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
यह मामला एक बार फिर शिक्षा संस्थानों में धर्म और सेकुलरिज़्म की सीमाओं को लेकर बहस छेड़ रहा है। बता दें, भारतीय संविधान अनुच्छेद 25 के तहत हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है, लेकिन किसी पर धर्म विशेष का पालन थोपना असंवैधानिक है। आने वाले दिनों में यह मामला और भी तूल पकड़ सकता है।
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