रायपुर। 21 साल पुराने जग्गी हत्याकांड (Jaggi murder case) में 2 दोषियों ने सोमवार को रायपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। इनमें शूटर चिमन सिंह और विनोद राठौड़ (Shooter Chiman Singh and Vinod Rathod) शामिल हैं। कोर्ट में सरेंडर करने के दौरान चिमन सिंह ने कहा कि, मेरी गिरफ्तारी के बाद सबूत बनाए गए हैं। इधर, मेयर ढेबर के भाई समेत सभी दोषियों के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया है। दछत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल को 27 दोषियों की अपील खारिज कर दी थी। इनमें क्राइम ब्रांच के प्रभारी रहे आरसी त्रिवेदी, तत्कालीन मौदहापारा थाना प्रभारी वीके पांडे, CSP कोतवाली अमरीक सिंह गिल, सूर्यकांत तिवारी सहित मेयर एजाज ढेबर के भाई याहया ढेबर शामिल है।
सरेंडर करने के दौरान चिमन सिंह ने कहा कि, हाईकोर्ट गए थे लेकिन न्याय नहीं मिला। न्याय के लिए अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। जब पूछा गया कि, अमित जोगी का भी नाम आ रहा है तो कहा कि, आया था मेरे साथ। मुझे किसी ने सुपारी नहीं दी। मेरे खिलाफ कोई FIR नहीं थी मुझे गिरफ्तार करने के बाद सबूत बनाए गए हैं।
रामअवतार जग्गी हत्याकांड के सभी दोषियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है। कुल 27 आरोपियों में से 2 चिमन सिंह और विनोद सिंह राठौर ने सोमवार को कोर्ट में सरेंडर किया जिसके बाद दोनों को रायपुर सेन्ट्रल जेल भेजा गया है। वहीं बाकी के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया है।
जग्गी हत्याकांड में दोषी अभय गोयल, याहया ढेबर, वीके पांडे, फिरोज सिद्दीकी, राकेश चंद्र त्रिवेदी, अवनीश सिंह लल्लन, सूर्यकांत तिवारी, अमरीक सिंह गिल, चिमन सिंह, सुनील गुप्ता, राजू भदौरिया, अनिल पचौरी, रविंद्र सिंह, रवि सिंह, लल्ला भदौरिया, धर्मेंद्र, सत्येंद्र सिंह, शिवेंद्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठौर, संजय सिंह कुशवाहा, राकेश कुमार शर्मा, (मृत) विक्रम शर्मा, जबवंत, विश्वनाथ राजभर की ओर से अपील दायर की गई थी।
सतीश जग्गी ने कहा कि, अमित जोगी को स्टे नहीं मिला है, स्टे मैंने लिया है। मैं सुप्रीम कोर्ट के शरण में जल्द से जल्द जाऊंगा। जैसे सारे अभियुक्तों पर प्रकरण चलाए गए, वैसे ही अमित जोगी पर भी प्रकरण चलेगा। मुझे विश्वास है कि जल्द से जल्द न्याय मिलेगा।
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