पत्रकार मुकेश हत्याकांड : सड़क निर्माण के भ्रष्टाचारी तीन अफसर बनाए गए सह आरोपी, एफआईआर

By : madhukar dubey, Last Updated : January 30, 2025 | 6:45 pm

  •  पीडब्ल्यूडी ने तीन अफसरों के खिलाफ एफआईआर
  • पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने सड़क भ्रष्टाचार मामले को किया था उजागर
  • बीजापुर(ए.)। बीजापुर जिले में सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के मामले(Corruption cases in road construction) में लोक निर्माण विभाग ने तीन अफसरों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act on three officers)की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करवाई है। इसी सड़क निर्माण के भ्रष्टाचार को उजागर करने में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई थी।

    मिरतुर से गंगालुर सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने उजागर किया था। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। मामले में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, उसके भाई रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। अब इस मामले में लोक निर्माण विभाग के ईई मधेश्वर प्रसाद ने विभाग के पूर्व ईई बीआर ध्रुव, एसडीओ आरके सिन्हा और सब इंजीनियर जीएस कोडोपी पर एफआईआर दर्ज करवाई है। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 3 (5) के तहत ईई, एसडीओ व सब इंजीनियर पर आपराधिक कृत्य, धारा 316 (5) के तहत सरकारी अफसर या कर्मचारी द्वारा भ्रष्टाचार, धारा 318 (4) के तहत धोखाधड़ी व बेईमानी करते हुए अपराधों से जुड़कर संपति हासिल करने के चलते एफआईआर दर्ज की गई है। ये धाराएं गैरजमानती, संज्ञेय अपराध है। पत्रकार मुकेश की हत्या के बाद लोक निर्माण विभाग ने सड़क जांच के लिए विशेष जांच टीम बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट के बाद लोक निर्माण विभाग ने पूर्व ईई, एसडीओ व सब इंजीनियर पर एफआईआर दर्ज करवाया।सब इंजीनियर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

    मिरतुर से गंगालुर सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के मामले में दंतेवाड़ा सेशंस कोर्ट ने सब इंजीनियर जीएस कोड़ोपी की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी है। वहीं, एफआईआर दर्ज होने के बाद से सभी आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। इसी बीच इंजीनियर कोड़ोपी ने दंतेवाड़ा कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। वहीं, यह भी जानकारी मिली है कि पत्रकार हत्याकांड की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी की टीम एसडीओ सिन्हा से अलग से पूछताछ कर सकती है। एक जनवरी को युवा पत्रकार की हत्या के बाद आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर व अन्य को जेल भेज दिया गया है।

     

    यह भी पढ़ें:       निकाय-पंचायत चुनाव : विपक्ष को मात देने साव के बंगल में हुई सियासी चक्रव्यूह रचना