रायपुर। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप (Forest Minister Kedar Kashyap) ने ईडी समेत केंद्रीय जाँच एजेंसियों की कार्रवाईयों को राजनीतिक षड्यंत्र और प्रतिशोध की राजनीति बताने पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Former Chief Minister Bhupesh Baghel) को आड़े हाथों लिया है। कश्यप ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के किसी एक फैसले को लेकर जाँच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगाकर बघेल अपने भ्रष्टाचार और धत्कर्मों के दाग धोने की फिजूल कवायद कर रहे हैं, ऐसे किसी प्रॉपगैंडा से भूपेश बघेल को कोई लाभ नहीं होने वाला है।
वन मंत्री कश्यप ने कहा कि हम न्यायालय का सम्मान करते हैं। उसके फ़ैसले पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। लेकिन किसी एक फ़ैसले को डूबते का तिनका बना लेने से भूपेश बघेल का कोई भला नहीं होने वाला है। अपने बस्तर दौरे में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने स्पष्ट कहा है कि भ्रष्टाचारियों की असली जगह जेल है। श्री कश्यप ने कहा कि भूपेश सरकार के खिलाफ जितने भी मामले हैं, उनमें से लगभग किसी में भी आरोपियों को जमानत सुप्रीम कोर्ट तक से भी नहीं मिल पा रही है। इन मामलों का ‘पॉलिटिकल मास्टर’ कौन है, समूचे प्रदेश को पता है। अब तो जमानत मांगने पर इनके लोगों पर सुप्रीम कोर्ट जुर्माना तक ठोक रहा है।
प्रदेश के वन मंत्री कश्यप ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल जरा अपनी याददाश्त पर जोर दें कि बदले की कार्रवाई और प्रतिशोध की राजनीति तो सत्ता में रहते हुए खुद बघेल कर रहे थे। विकास आदि के काम छोड़ बघेल पूरे पाँच साल केवल भाजपा नेताओं के खिलाफ, पत्रकारों के खिलाफ झूठे मुक़दमे दायर करते रहने में, एसआईटी आदि गठन करने में लगे रहे, यहां तक कि दिल्ली के नेताओं के खिलाफ किये ट्वीट पर भी वे भाजपा प्रवक्ताओं पर, पत्रकारों पर सौ-सौ मुकदमे लाद देते थे।
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