कौशिक बोले, किसानों के साथ अन्याय कर रही कांग्रेस सरकार

By : madhukar dubey, Last Updated : June 23, 2023 | 7:36 pm

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Former Leader of Opposition Dharamlal Kaushik) ने शिवनाथ नदी पर प्रस्तावित दगौरी एनीकट (Proposed Dagouri Anicut on Shivnath River) के पिछले तीन साल से अटके पड़े रहने पर प्रदेश सरकार और सिंचाई विभाग पर किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। कौशिक ने कहा कि बिलासपुर जिले के सिंचाई अफसरों की लापरवाही के चलते सिंचाई की एक ऐसी योजना ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है, जिससे किसानों के हजारों एकड़ खेतों तक पानी पहुंचने वाला है। अपने लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई नहीं करके प्रदेश सरकार किसानों के साथ छलावा कर रही है।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि शिवनाथ नदी पर प्रस्तावित दगौरी एनीकट बिलासपुर का हिस्सा है, जबकि सरकारी बुकलेट में इसे मुंगेली का बताया गया है। इसके चलते लगभग 7.32 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट पर तीन साल कोई काम शुरु नहीं हुआ है। श्री कौशिक ने इस सिंचाई योजना का क्षेत्र के किसानों को कोई लाभ नहीं मिलने के लिए प्रदेश सरकार को दोषी ठहराया है। श्री कौशिक ने कहा कि सन् 2020-21 के अंतर्गत विभागीय बजट पुस्तिका में यह क्षेत्र मुंगेली जिला में बताया गया है जबकि यह एनीकट बिलासपुर जिले के बिल्हा ब्लॉक में आता है जो खारंग जल संसाधन कार्यपालन अभियंता बिलासपुर संभाग के क्षेत्र में आता है। इसे ही बदलने की कोशिशों में तीन साल बीत गए हैं, लेकिन न तो इसमें सुधार हुआ है और न ही किसानों के खेतों तक पानी पहुंचा है। कौशिक ने कहा कि इस योजना से 190 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा किसानों को मिलती। अब इस योजना की पहली किश्त की राशि भी लैप्स हो जाने की जानकारी है। कौशिक ने कहा कि किसानों के नाम सियासी ड्रामेबाजी कर रही प्रदेश की कांग्रेस सरकार को किसानों के हित की कोई फिक्र नहीं है। किसानों के खेतों में पानी पहुंचाने के उसके दावों का जमीनी सच यही है कि पिछले तीन साल से क्षेत्र के हजारों किसान सिंचाई सुविधा के लिए परेशान हो रहे हैं और सरकार किसानों के नाम पर कोरी बयानबाजी में लगी हुई है।

श्री कौशिक ने कहा मंगला एनीकट से पानी लाने के लिए भी प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना के अंतर्गत बजट में प्रावधान किया जा चुका है परंतु राज्य की कांग्रेस सरकार प्रशासकीय स्वीकृति नहीं दे रही है जिससे किसान काफी परेशान हैं।

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