छत्तीसगढ़। MSP कानून की मांग को लेकर किसान रणनीति बनाने में जुटे हैं। इसके लिए वे (Raipur) रायपुर और राजिम में किसानों का आंदोलन को सफल बनाने के लिए खाका खींचने में लगे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि एक साल तक चले दिल्ली धरने की यह भी प्रमुख मांग थी, केंद्र सरकार ने आश्वासन देने के बाद भी इसपर कोई कदम नहीं उठाया है। नवा रायपुर के किसानों की योजना क्षेत्र में ट्रैक्टर रैली निकालने की है।
यह रैली कयाबांधा से सुबह ९ बजे से प्रस्तावित है। इसके लिए सभी गांवों से किसानों को ट्रैक्टर लेकर पहुंचने की बात हो रही है। राजिम में यह रैली कृषि उपज मंडी से निकलेगी। ट्रेक्टर लेकर किसान पूरे राजिम कस्बे के प्रमुख मार्गों से गुजरेंगे। उसके बाद एक जनसभा में न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून की मांग पर बात होगी। यह रैली दिल्ली के संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हो रही है। इसमें प्रदेश के दो दर्जन से अधिक संगठन शामिल हैं। कई दूसरे जिलों में भी इस तरह के प्रदर्शन की तैयारी है।
अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के तेजराम विद्रोही ने कहा, कोई भी कंपनी अपने तैयार माल को बाजार में बेचने के लिए एक अधिकतम खुदरा मूल्य निर्धारित करती है जिसे एमआरपी कहते हैं। इसमें उपभोक्ताओं को लगने वाला टैक्स भी शामिल रहता है। जिस मूल्य पर वस्तु बेचकर कंपनी अपना मुनाफा कमाता है और साथ ही साथ बेचने वाले को भी उनका लाभ मिल जाता है। वहीं किसान जब फसल उगाता है तो उसे उसका मूल्य तय करने का अधिकार नहीं होता। जिन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य खुद सरकार तय करती है वह दाम भी किसानों को नहीं मिलता। इसका एक समाधान है किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मिले। यानी निर्धारित मूल्य से कम कीमत कहीं भी न मिल सके।