सियासी ‘पंजे’ में पतंग की डोर! देखें, ‘अमित शाह’ और ‘काका’ की पतंगबाजी

(Chhattisgarh) मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के पर्व हर्षोल्लास पूरे देश में हैं। गुलाबी और सर्द भरे मौसम में जहां घरों में गुड़ और तिल की खुशबू है।

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  • Updated On - January 14, 2023 / 08:29 PM IST

छत्तीसगढ़। (Chhattisgarh) मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर्व का हर्षोल्लास पूरे देश में हैं। सर्द भरे मौसम में जहां घरों में गुड़ और तिल की खुशबू है। लेकिन घर की चौखट के बाहर बच्चों की उछलकूद और पतंगबाजी का नजारा। इन सबके बीच आज सियासी गलियारे के महारथी भी अपने बीते बचपन की याद को ताजा करने के लिए खुद पतंगबाजी के मैदान में कूद पड़े। ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि देश की संस्कृति और तीज पर्व की धूम आज पूरे विश्व में हैं। इसको सहेजने के लिए बड़ी हस्ती को आगे आना चाहिए। ताकि आने वाली पीढ़ी को अपने पर्व और तीज त्योहार पर गर्व हो और उसके मायने समझ सके। बहरहाल, आज सोशल मीडिया पर दो विडियो जमकर वायरल हो रहे हैं। इसमें एक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और BJP को चुनावी वैतरणी से पार लगाने वाले गृहमंत्री अमित शाह की हैं। ये दोनों सियासी हस्तियां आज मकर संक्रांति पर पतंगबाजी करते दिखे।

जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बच्चों के संग पतंगबाजी कर रहे हैं। वहीं अमित शाह भी एक कुशल पतंगबाज की तरह डोर को डील दे रहे हैं। इन दो सियासी हस्तियों को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट भी आ रहे हैं। कोई अमित शाह को कोई सियासत की तरह एक कुशल पतंगबाज बता रहा है तो कोई कुछ। इधर भूपेश बघेल के विडियो को लेकर भी फैंस तारीफ करते दिख रहे हैं। इनके फैंस ने कहा कि भूपेश काका बच्चाें को बेहद प्रिय हैं। क्योंकि आए दिन ‘भूपेश बघेल’ द्वारा किसी न किसी बच्चों को दुलारने के तस्वीरें सोशल मीडिया पर आती रहती है। बच्चे इन्हें कहते हैं कि ये भूपेश काका ‘चाचा नेहरू’ जैसे लगते हैं।

 

सोशल मीडिया पर ऐसे छिड़ा पतंगबाजी पर कमेंट का वार

जैसे ही छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बच्चों के संग पतंगबाजी का विडियो पोस्ट हुआ। इसकी तारीफ हो ही रही थी, कि अमित शाह के एक प्रशंसक ने उनकी भी विडियो पोस्ट कर दिया। फिर क्या था, इस पर तमाम तरह के कमेंटस आने शुरू हो गए। इन दोनों सियासी हस्तियों के हाथों में अपने-अपने पार्टी के कमान की डोर है, आज उनके हाथों में पतंग की डोर थी, लिहाजा, इनके समर्थकों का खुश होना स्वभाविक है।