कुमारी सैलजा की दो टूक: रिपीट नहीं होंगे निगम मंडल अध्यक्ष! टिकट के ‘दावेदार’ भी लगे जुगत में…

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा (Congress state in-charge Kumari Selja) राजीव भवन में चुनावी रणनीति बनाने में जुटी हैं। जहां पदाधिकारी..

  • Written By:
  • Updated On - July 24, 2023 / 07:09 PM IST

रायपुर। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा (Congress state in-charge Kumari Selja) राजीव भवन में चुनावी रणनीति बनाने में जुटी हैं। जहां पदाधिकारी के साथ हर सीट के बारे में फीडबैक ले रहीं हैं। वहीं टिकट के दावेदार (Ticket Contenders) भी अपने-अपने जुगत में लगे हैं। इसके पीछे कारण है कि चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं। ऐसे में सभी कांग्रेस में टिकट के दावेदार सक्रिय हो गए हैं। प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा से मुलाकात के लिए बायोडाटा लेकर दावेदार सुबह से डटे रहे। जब प्रदेश प्रभारी से मुलाकात हुई तब नेताओं ने कहा कि मौका मिलने पर वे जीतकर दिखाएंगे। बायोडाटा में कई टिकट के दावेदारों ने अपने राजनीतिक सफर के साथ ही विधानसभा क्षेत्र का पूरा सामाजिक और राजनीतिक खाका पेश कर दिया। कुल मतदाताओं की संख्या में कितने प्रतिशत उनके समाज विशेष से आते हैं ये भी उनके बायोडाटा में लिखा हुआ था।

सूत्रों के मुताबिक कई बोर्ड, निगम, आयोग के अध्यक्ष चाहते हैं कि उनका एक्सटेंशन किया जाए। ये फरियाद लेकर वे कुमारी सेलजा से मिलने भी पहुंचे। मगर अंदरखाने से खबर है कि उन लोगों को उन्होंने दो टूक कह दिया है- आपको मौका मिल चुका, बचे समय में दूसरों को मौका मिलेगा।

एक मिडिया रिपोर्टस के मुताबिक मुंगेली से आए रूपलाल कोसरे ने बताया कि उनका क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व सीट है और वे पिछले 20-25 सालों से काम कर रहे हैं इसलिए उनकी मजबूत दावेदारी है, उन्होंने कहा वर्तमान में यहां के विधायक पूर्व मंत्री पुन्नुलाल मोहले है और यहां से चुनाव लड़ने के लिए प्रदेश प्रभारी से मांग की है। कुमारी सेलजा ने कई नेताओं से वन टू वन मुलाकात की हैं। उन्होंने बंद कमरे में कई नेताओं से चर्चा की। सेलजा ने उनसे साफ तौर पर ये सवाल किया कि उन्हें दावेदार क्यों बनाया जाए।

बता दें कि कांग्रेस पार्टी इस विधानसभा चुनाव में रिस्क लेने के मूड में नहीं है। कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाने वाले प्रत्याशी पर ही दांव खेलना चाहती है। इसलिए इसे लेकर कुमारी सेलजा ने कहा कि सभी दावेदारों को पता है कि क्षेत्र में किसकी स्थिति जीतने लायक है, इसके अलावा पार्टी का भी अपना सर्वे होता है, जिसके आधार पर टिकट तय की जाती है और आखिर में सभी कांग्रेस के सिपाही हैं इसलिए पार्टी जिसे भी टिकट देगी कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता उन्हें जीताएंगे।

कसडोल विधानसभा से पहुंचे दावेदार

टिकट दावेदारों में सबसे ज्यादा दावेदार कसडोल विधानसभा क्षेत्र से यहां पहुंचे थे जबकि साल 2018 में हुए चुनाव में यहां की प्रत्याशी शकुंतला साहू ने बीजेपी के दिग्गज नेता और तत्कालीन सरकार के विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल को लगभग 49 हजार वोट से शिकस्त दी थी। इस चुनाव में करीब 49.14 प्रतिशत वोट शकुंतला साहू को मिले थे और जीत के इस अंतर के बाद 32 साल की उम्र में सबसे ज्यादा वोट से जीतने वाली विधायक बनीं।

इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)

यह भी पढ़ें : मंत्री ने तलवार से काटा अपने बर्थडे का केक! BJP प्रवक्ता ‘श्रीवास’ ने खड़े किए सवाल