‘मणिपुर से छत्तीसगढ़’ की तुलना पर ‘कुमारी सैलजा’ का वार! कमजोर होने के नाते BJP बौखला गई है!

By : madhukar dubey, Last Updated : July 26, 2023 | 4:13 pm

रायपुर। सीएम हाउस में मैराथन बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी कुमारी सैलजा (Congress in-charge Kumari Selja) मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा,सभी बैठकर आपस में चर्चा की, प्रदेश के मुद्दों पर बात हुई। सीनियर नेताओं के साथ चर्चा हुई। इससे पार्टी को फायदा ही होता है। उन्होंने बैठक में स्ट्रेटजी को लेकर कहा-मारी स्ट्रेटजी 5 साल से बन रही है…लोगों के बीच में लोगों का काम करना यही हमारी स्ट्रेटजी है। BJP के 15 साल का शासन और हमारा 5 साल का शासन लोगों के बीच ले जाएं और सभी वर्ग को दिखाएं यही हमारी स्ट्रेटजी है। कहा, किसान, गरीब, मजदूर, स्वास्थ्य, शिक्षा यही बातें स्ट्रेटजी के तहत कार्य किया। कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ के लोगों पर विश्वास करती है।

पीयूष गोयल के तुलना पर कुमारी सैलजा ने कहा-इनकी मानसिकता क्या है सोच लीजिए। कहा, आज के दिन दुनिया को क्या कम्पेयर बताना चाहते हैं। छत्तीसगढ़ के लोग क्या बर्दाश्त करेंगे..? कि मणिपुर की तुलना उनसे की जा रही है। यह छत्तीसगढ़ के लोगों का इंसल्ट है।

PM किसान प्रणाम योजना की शुरुआत को लेकर कुमारी सैलजा ने कहा-कुछ समय से प्रधानमंत्री और भाजपा के सीनियर नेताओं को एहसास हुआ कि उनकी जमीन कमजोर होती जा रही है। यह उनके बातों में रिफ्लेक्ट व बौखलाहट नजर आ रही है। उनकी कमजोरी नजर आ रही है।

केंद्र के किसान प्रणाम योजना पर प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा, प्रधानमंत्री कहते थे किसानों के कर्ज माफ नहीं होना चाहिए क्योंकि वह आलसी हो जाते हैं। देश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों के लाखों करोड़ों रुपए माफ करते हैं तो क्या उनको आलसी कहना चाहेंगे?। किसान हमारा अन्नदाता है। आज उसके लिए क्या सोच लेकर आए हैं। ये लोग खोखले स्लोगन देते हैं।

संसद में इस मुद्दे पर डिस्कशन होगा तो छत्तीसगढ़ का मामला भी उठाएंगे पर सैलजा ने कहा-कैसे प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों ने नेताओं ने कैसे कंपेयर कर लिया। छत्तीसगढ़ को मणिपुर के साथ छत्तीसगढ़ की तुलना कर रहे हैं। मणिपुर में आग लगी है….आग बुझाने का,मलहम लगाने का कोई प्रयास नहीं हो रहा। उल्टा यहां आकर भड़काऊ बातें की जा रही है। हम संसद में पूरा कोऑपरेट करने को तैयार हैं। अपोजीशन पार्टी कोऑपरेट करने को तैयार है। यह सरकार की जिम्मेदारी होती है….प्रधानमंत्री आ जाए संसद तो चलना चाहिए। संसद चलाना इनकी मंशा नहीं है। पिछली बार भी बलि चढ़ा दिया गया। सत्तापक्ष के कारण संसद नहीं चल सकी। संसद में उनको विश्वास नहीं है। संसदीय प्रणाली में विश्वास नहीं है, खुद कार्रवाई रोक देते हैं। प्रधानमंत्री संसद की इज्जत नहीं करते हैं।

इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)

यह भी पढ़ें : BJP बोली, कांग्रेस ने जितना छल युवाओं से किया ‘मुख्यमंत्री’ युवाओं को बताएं!

यह भी पढ़ें : BJP पर सुशील ने की ‘सियासी’ बाणों की बौछार! कहा-‘इनको प्रत्याशी’ तक नहीं मिले रहे!..VIDEO