‘BJP’ की ‘News cutting’ के बहाने, चलिए जागे तो सही!

(health care) स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली आज भी ग्रामीण स्तर पर व्याप्त है।

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  • Updated On - February 5, 2023 / 09:09 PM IST

छत्तीसगढ़। (health care) स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली आज भी ग्रामीण स्तर पर व्याप्त है। जिसे खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक कदम उठाए तो गए मगर कारगर साबित हो पाए। ऐसी तमाम खबरें ‘अखबारों’ में कुछ दिनों तक सुर्खियों में बनी रहती हैं। लेकिन इसके बावजूद हाल-ए-स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण अंचल हो या राजधानी के अस्पताल (hospital) हालात नहीं सुधरते हैं।

वैसे भूपेश सरकार की पूरी कोशिश है कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जाए। इसके लिए स्वास्थ्य सेवाओं के अत्याधुनिक और नवीनीकरण की प्रक्रिया भी चली। लेकिन अफसोस जमीनी स्तर पर काम करने वाले अमले ने इसकी अनदेखी की है।

नतीजा, आज भी स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल व्यवस्था नहीं सुधर सकी है। बहरहाल, अब चुनाव में BJP ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए लिए ट्विटर वार शुरू कर दिया है। लेकिन अखबार के कुछ ऐसी खबरें जो स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सुर्खियां बनी थीं। उसकी कटिंग को अपने ट्विटर में पोस्ट करने का अभियान आज छेड़ा।

लेकिन सवाल उठता है, कि अगर अखबार में इन स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर खबरें नहीं प्रकाशित होती तो क्या बीजेपी इन हालातों को नहीं जान पाती। क्या लोकतंत्र में एक ‘विपक्षी ‘पार्टी की भूमिका में BJP ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बीते 4 सालों में कितनी मुखर थी। कभी कोई बड़ा आंदोलन करने की क्यों नहीं सूझी।

ये तो सच है कि मीडिया अगर जनता के मूलभूत सुविधाओं की बात उजागर न करे। तो शायद ही किसी पार्टी के नेताओं को जनता की समस्या की जानकारी न हो पाए। हां, ये भी कटु सत्य है कि जब सिस्टम की ऐसी खामी, जिसे मीडिया कर्मी उजागर करना शुरू कर दे तो वह भी ‘सत्ता’ के निशाने पर आ जाते हैं। फिर उन्हें प्रताड़ना देने का दौर भी शुरू हो जाता है। ऐसे में कोई इनके साथ भी नहीं आता। लेकिन फिर भी इन विषम हालातों के बीच जनता के मूल समस्याओं को लाने में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है।

खैर छोडि़ए, आज BJP ने अपने ट्विटर पर लिखा, कांग्रेस सरकार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था से प्रदेश की जनता परेशान हो चुकी है। आए दिन इलाज के लिए मरीजों को भटकना पड़ता है और ये सरकार आंख मूंदे हुए है। मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था कब मिलेगी भूपेश?