सुनो, ‘भूपेश’, तेरे राज में कर्मचारी ‘अर्द्धनग्न प्रदर्शन’ को मजबूर!, ‘श्रीवास’ भी बैठे

By : madhukar dubey, Last Updated : April 22, 2023 | 6:08 pm

छत्तीसगढ़। वक्त था, रायपुर में अनियमित कर्मचारियों (casual employees) के हल्ला बोल प्रदर्शन का। मांग है कि नियमित करने की लगातार सरकार से मांग की लेकिन नहीं पूरी हुई। आखिकार थकहार कर आंदोलन की राह पर निकल पड़े कर्मचारी। प्रदेश के कोने-कोने से अनियमित कर्मचारी आए। और जम गए नवा रायपुर के धरना स्थल पर। फिर सभी ने कर्मचारी अर्द्धनग्न प्रदर्शन (employee posing naked) करने लगे। उनके बीच से नारे की गूंज भी सुनाई देने लगी। तभी एक आवाज गूंजी, सुनो भूपेश मेरी पुकार, तेरे राज में अर्द्धनग्न प्रदर्शन को मजबूर। इनके हल्ला बोल प्रदर्शन के दौरन अचानक आ धमके BJP प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास। उन्होंने कर्मचारियों से कहा, हम आपलोगों के साथ हैं। आप के हर एक जंग के हमराही हैं। फिर क्या था, वे भी कर्मचारियों के साथ धरना-प्रदर्शन में शामिल हो गए।

इस दौरान उन्होंने भूपेश सरकार पर वार करते हुए कहा, भूपेश सरकार अनियमित कर्मचारियों की मांग नहीं सुन रही है। इससे साबित होता है कि कांग्रेस की इस सरकार में गरीबों और जरूरतमंदों की आवाज नहीं सुनी जाती है। आज लाखों अनियमित कर्मचारियों को इस वजह से प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। कहा, हमारी सरकार आने पर अनियमित कर्मचारियों की मांगें पूरी की जाएंगी। अगर सरकार नहीं सुनेगी तो हम और भी उग्र आंदोलन करेंगे।

आज इतने कम वेतन और मानदेय पर अनियमित कर्मचारी काम कर रहे हैं। ऐसे में अपनी गृहस्थी नहीं चला पा रहे हैं। भूपेश सिर्फ झूठे वादे करते हैं। अब जनता उनके झांसे में नहीं आने वाली है। चुनाव के वक्त इसका जनता मुंहतोड़ जवाब देगी। कर्मचारियों की छंटनी बंद होनी चाहिए। कांग्रेस सरकार की भर्राशाही अब नहीं चलेगी।

कांग्रेस के घोषणा पत्र में क्या था

कांग्रेस ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में एक घोषणा पत्र को प्रचारित किया। कर्मचारी नेता बताते हैं कि इस पत्र में नाम था जन-घोषणा (वचन) पत्र “दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा वादा” । इसके बिंदु क्रमांक 11 और 30 में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का उल्लेख है। मगर इसके उलट ही काम हो रहे हैं। कर्मचारियों का दावा है कि अनियमित कर्मचारियों की निरंतर छटनी की जा रही है। न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी नहीं की गई। कांग्रेस ने अंतिम बजट में भी अनियमित कर्मचारियों के लिए किसी प्रकार का प्रावधान नहीं किया।

ये संगठन हुए विरोध में शामिल

इस आन्दोलन में 60 संगठनों ने हिस्सेदारी कि इसमें पं. सुंदरलाल शर्मा मु. वि.वि. बिलासपुर कर्मचारी संघ, अनियमित आईटी कर्मचारी-अधिकारी संघ, तकनिकी शिक्षा अंशकालीन व्याख्याता संघ, किसान मित्र संघ, प्रशिक्षित गौसेवा-पी.ए.आई.डब्लू.-मैत्री संघ, अग्निशमन कर्मचारी संघ, ग्राम पंचायत भृत्य कल्याण संघ, आई.टी.आई. सुरक्षा गार्ड संघ, जल संसाधन विभाग अनियमित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ, जीवन दीप कर्मचारी कल्याण महासंघ, डी.एम.ऍफ़. संविदा कर्मचारी संघ, शिक्षा दूत – बीजापुर सुकमा, आबकारी अनियमित कर्मचारी संघ, अतिथि शिक्षक दंतेवाडा, ट्यूटर शिक्षक संघ कोंडागांव, शिक्षण सेवक बस्तर, स्था. अतिथि शिक्षक नारायणपुर, अतिथि शिक्षक संघ जिला कांकेर, छ.ग. अतिथि शिक्षक कल्याण संघ जिला मुंगेली, कौशल विकास प्राधिकरण (सं.प.) काउंसलर संघ, एकलव्य आवासीय विद्यालय अतिथि शिक्षक संघ, स्पॉट बिलिंग एवं मीटर रीडर संघ।

महिला पुलिस वालेंटियर संघ कोरिया-दुर्ग, प्रदेशस्तरीय ग्राम पंचायत कंप्यूटर ऑपरेटर संघ, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या.दुर्ग दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ दुर्ग, छत्तीसगढ़ महाविद्यालय अतिथि व्याख्याता महासंघ, राज्य स्तरीय स्वास्थ्य मितानिन/ मितानिन प्रशिक्षण संघ, छत्तीसगढ़ महाविद्यालय अतिथि व्याख्याता समूह, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, ग्राम स्वराज अभियान डाटा एंट्री ऑपरेटर संघ, छ.ग. जनभागीदारी शिक्षक संघ, शा. औपचारिकेत्तर शिक्षक संघ, 102/108 कर्मचारी कल्याण संघ, छत्तीसगढ़ 112 कर्मचारी कल्याण संघ, समूह जल प्रदाय योजना कर्मचारी संघ (लो.स्वा.यां.विभाग) बेमेतरा, छ.ग. राज्य समर्थनमूल्य धान खरीदी क. आ. संघ, परिवहन कर्मचारी संघ जगदलपुर, रायपुर विकास प्राधिकरण रायपुर कर्मचारी संघ, साक्षरता कार्यक्रम समन्वयक संघ।