भरोसे के सम्मेलन के बहाने मल्लिकार्जुन खड़गे SC वोटरों को साधेंगे! इसके सियासी मायने

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस (Congress in Chhattisgarh) का चुनावी शंखनाद करने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (National President ...

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  • Updated On - August 13, 2023 / 06:10 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस (Congress in Chhattisgarh) का चुनावी शंखनाद करने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (National President Mallikarjun Kharge) आ रहे हैं। यहां “भरोसे का सम्मेलन’ जांजगीर-चांपा जिले में आयोजित किया गया है, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष शामिल होंगे। बिलासपुर संभाग के SC बहुल जिले में खड़गे के दौरे को जातिगत समीकरणों से जोड़कर भी देखा जा रहा है, जिसे साधने के लिए बड़ी सभा आयोजित की जा रही है। इसके साथ ही पार्टी की नजर उन 24 सीटों पर भी है, जो इस संभाग में आती हैं।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, स्पीकर चरणदास महंत, प्रभारी कुमारी सैलजा और पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज समेत सूबे के तमाम मंत्री, नेता और पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। यहां पुलिस लाइन खोखरा में खड़गे आम सभा को संबोधित करेंगे। उधर, कार्यक्रम की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है। बड़ा स्टेज तैयार किया गया है। जहां पार्टी के तमाम दिग्गज नेता एक साथ एक ही मंच पर दिखाई देंगे।

खड़गे की सभा के क्या हैं सियासी मायने

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा अनुसूचित जाति वर्ग बहुल जांजगीर-चांपा जिले में कराई जा रही है, लेकिन इस सभा के जरिए पूरे बिलासपुर संभाग की 24 सीटें साधने और प्रदेश की बाकी रिजर्व सीटों पर भी मैसेज देने की कोशिश होगी।

बिलासपुर संभाग में 8 जिले गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, जांजगीर-चांपा, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़, सक्ति, बिलासपुर और सारंगढ़- बिलाईगढ़ हैं। इन जिलों में 24 विधानसभा सीटें आती है, जिनमें 4 अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं, जबकि बाकी सीटों में भी जनसंख्या के हिसाब से SC वर्ग का बड़ा दखल है।

प्रदेश में कुल 10 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग(SC) के लिए आरक्षित है। इनमें बिलासपुर संभाग की 4 सीटें सारंगढ़, मुंगेली, मस्तुरी और पामगढ़ हैं, जो जांजगीर-चांपा जिले के नजदीक ही है। इन 4 आरक्षित सीटों में 2 बीजेपी, 1 कांग्रेस और 1 बसपा के पास है। ये वही 4 सीटें हैं, जहां कांग्रेस का परफॉर्मेंस पिछले चुनाव में कमजोर रहा था।

SC वर्ग का बड़ा प्रभाव

मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी का सबसे बड़ा दलित चेहरा हैं। इस क्षेत्र में बसपा के पारम्परिक वोटर्स हैं, जो उन्हें जीत दिलाते आए हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर बसपा की कमजोर स्थिति का फायदा प्रदेश में कांग्रेस उठाना चाहती है। इसके अलावा यहां अनारक्षित सीटों में भी SC वर्ग के मतदाताओं की बड़ी संख्या हैष इसलिए कांग्रेस ने अपनी रणनीति के तहत जांजगीर-चांपा जिले में राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा कराई है।

ये हैं वो SC आरक्षित सीटें

1-सारंगढ (अ.जा.) -यहां से कांग्रेस की उत्तरी गनपत जांगड़े विधायक हैं।

2-मुंगेली (अ.जा.)- बीजेपी के पुन्नुलाल मोहले विधायक हैं।

3-मस्तुरी (अ.जा.)- बीजेपी के कृष्णमूर्ति बांधी इस सीट से विधायक हैं।

4-पामगढ़ (अ.जा.) – बसपा की इंदु बंजारे विधायक हैं।

जांजगीर-चांपा की अनारक्षित सीटें जिसमें SC वर्ग के मतदाताओं की बड़ी संख्या है)

1-जैजेपुर – बसपा के केशव प्रसाद चंद्रा इस सीट से विधायक हैं।

2-अकलतरा – बीजेपी के सौरभ सिंह इस सीट से विधायक हैं।

3-जांजगीर-चांपा – बीजेपी के नारायण चंदेल इस सीट से विधायक

4-सक्ती – कांग्रेस के चरणदास महंत विधायक हैं।

5-चन्द्रपुर – कांग्रेस के रामकुमार यादव विधायक हैं।

प्रदेश की बाकी SC सीटों का हाल

SC वर्ग के लिए आरक्षित 10 सीटों में 7 कांग्रेस के पास है। इनमें से एक रायगढ़ जिले में है, जबकि बाकी 6 अलग-अलग जिलों में है। इनमें से दो सीटों में मंत्री गुरू रूद्र कुमार और शिव डहरिया विधायक हैं। क्योंकि इन सीटों में पहले से ही कांग्रेस के विधायक काबिज हैं। इसलिए नई सीटों पर फोकस करना कांग्रेस ने सही समझा और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की सभा जांजगीर में कराई जा रही है।

प्रदेश की बाकी की SC सीटों में कांग्रेस के विधायक काबिज हैं

1-बिलाईगढ़ (अ.जा.) -चन्द्रदेव प्रसाद राय

2-सराईपाली (अ.जा.) -किस्मत लाल नन्द

3-आरंग (अ.जा.) – शिवकुमार डहरिया

4-अहिवारा (अ.जा.) -गुरु रुद्र कुमार

5-नवागढ़ (अजा)-गुरूदयाल सिंह बंजारे

6-डोंगरगढ़ (अ.जा.)- भुनेश्‍वर शोभाराम बघेल

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