शहीद आकाश राव का पार्थिव शरीर रायपुर पहुंचा: मेयर से लेकर मुख्यमंत्री तक ने दी श्रद्धांजलि, तिरंगे में लिपटे पति को देख पत्नी बिलखती रही

By : dineshakula, Last Updated : June 9, 2025 | 9:13 pm

रायपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कोंटा क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा किए गए IED ब्लास्ट में शहीद हुए एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे (ASP Akash Rao) का पार्थिव शरीर सोमवार शाम रायपुर स्थित उनके घर लाया गया। जैसे ही तिरंगे में लिपटा शरीर उनके निवास पहुंचा, पूरे माहौल में शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, मेयर मीनल चौबे, और कई मंत्री व पुलिस अधिकारी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे।

तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को देख परिजनों की आंखें नम हो गईं। सबसे मार्मिक क्षण तब आया जब शहीद की पत्नी स्नेहा गिरिपुंजे पति को अंतिम बार निहारती रहीं और बिलखती रहीं। बेटा सिद्धांत और बेटी पीहू भी गमगीन माहौल में स्तब्ध खड़े दिखे।

कैसे हुआ हादसा?

दरअसल, 10 जून को नक्सलियों ने भारत बंद का ऐलान किया था। बंद से एक दिन पहले उन्होंने दहशत फैलाने के लिए एक खदान में JCB मशीन को आग के हवाले कर दिया था। सूचना मिलने पर एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जब वह जली हुई JCB के पास जांच के लिए गए, तभी वहां पहले से छिपाकर रखा गया IED विस्फोट कर दिया गया। इस हमले में आकाश राव के साथ दो अन्य पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए।

घायल टीआई सोनल ग्वाला बिलासपुर के निवासी हैं। उनकी पत्नी गृहिणी हैं और उनकी दो जुड़वां बेटियां भी हैं।

जिंदादिल इंसान थे आकाश राव

आकाश राव सिर्फ एक पुलिस अधिकारी ही नहीं, बल्कि एक जिंदादिल इंसान भी थे। सोशल मीडिया पर उनका एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे IPS अधिकारी रत्ना सिंह की शादी में माइक पकड़कर गाना गाते नजर आ रहे हैं। उनके साथी पुलिसकर्मी भी उनकी गायकी पर झूमते दिख रहे हैं। यह वीडियो उनकी जीवन के प्रति सकारात्मक सोच और खुशमिजाज स्वभाव को दर्शाता है।

शहीद आकाश राव: एक परिचय

  • नाम: आकाश राव गिरिपुंजे

  • जन्म: 7 फरवरी 1983, रायपुर

  • उम्र: 42 वर्ष

  • बैच: 2013

  • परिवार:

    • पिता – गोविंद राव गिरिपुंजे

    • माता – मंदा गिरिपुंजे

    • पत्नी – स्नेहा गिरिपुंजे

    • बेटे – सिद्धांत गिरिपुंजे

    • बेटी – पीहू गिरिपुंजे

सेवाकाल

आकाश राव ने चंद्रशेखर आजाद पुलिस अकादमी, चंदखुरी में प्रशिक्षण प्राप्त किया था। उन्होंने रायपुर, कांकेर, राजनांदगांव, मानपुर, मोहला, दुर्ग, महासमुंद सहित कई जिलों में सेवा दी थी। वर्तमान में वे सुकमा के कोंटा क्षेत्र में तैनात थे, जहां देश सेवा करते हुए IED विस्फोट में शहीद हो गए।