छत्तीसगढ़। अपने अंदाज के लिए मशहूर आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) मशहूर है। आज वे कांग्रेसी विधायक और अधिकारियों के साथ आरक्षण के मुद्दे पर राज्यपाल (Governor) से मिलने गए थे। जहां इनके साथ आदिवासी, पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग के विधायक शामिल थे। ये सभी मंत्री कवासी लखमा की अगुवाई में पहुंचे। कुछ देर अंदर इन विधायक-मंत्री की चर्चा राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से होती रही। बाहर आकर, भीतर क्या बातें हुईं इसका खुलासा कवासी लखमा ने किया।
कवासी लखमा ने बाहर आकर कहा कि राज्यपाल से मुलाकात तो हुई मगर जैसी उम्मीद थी वैसा आश्वासन तक नहीं मिला। उनकी बात-चीत से लगा कि वो राजनीति दबाव में हैं। कवासी लखमा ने ये भी कहा राज्यपाल यही कहते रहे कि देखते हैं, कर रहे हैं, समीक्षा कर रहे हैं। मगर कुछ ठोस बात नहीं हुई। हम गए तो हमें बैठाया हम सभी की बातें तो सुनी मगर आश्वासन नहीं मिला।
कवासी लखमा ने अंदर हुई बातचीत के बारे में कहा- वो ज्यादा इंग्लिश बोलते हैं, मैं तो ज्यादा बात नहीं किया, शिशूपाल सोरी कलेक्टर रहे हैं, तो ये अंग्रेजी में बात किए, हमारे पहलवान (यूडी मिंज) विनज जायसवाल ने ज्यादा बात की। राज्यपाल की उम्र हो गई है तो वो कम सुनते हैं। मुझे उनकी बातों में राजनीति के गुण दिखे, दबाव में दिखे। संवैधानिक पद है राज्यपाल का,हम सब बोले- आप आदिवासी, पिछड़ा, अनुसिचत जन जाति वर्ग के हमारे संरक्षक हो,भर्तियां रुकी हुई हैं, इसलिए आपका सहयोग चाहिए।
कवासी लखमा ने कहा कि 22 तारीख को सुप्रीम कोर्ट पेशी है। आरक्षण के मामले में कोर्ट की लड़ाई भी जारी रहेगी। हम प्रदेश के आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम चाहते हैं कि इस वर्ग को आरक्षण मिले, सड़क की लड़ाई लड़ेंगे, विधानसभा की लड़ाई लड़ेंगे, गांव में लड़ाई लडेंगे।