रायपुर। प्रदेश में उच्च शिक्षा से संबद्ध कुल 285 शासकीय महाविद्यालय हैं। यहां प्रोफेसर के कुल 682 पद हैं। जहां आज तक भर्ती नहीं हुई है और सभी पद रिक्त हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के बाद पहली बार सितंबर 2021 में शासकीय कॉलेजों में प्रोफेसरों की सीधी भर्ती (Direct recruitment of professors in government colleges) निकाली गई। इसके लिए पीएससी से आवेदन मंगाए गए थे।इस बीच भर्ती नियमों में कुछ संशोधन को लेकर आवेदकों की शिकायतें भी विभाग में पहुंचने लगी।
विधि के आवेदकों ने यूजीसी और बीसीआई के स्पष्ट नियमों का हवाला देकर विज्ञापित एक मात्र पद को नियम विरुद्ध बताते हुए वर्तमान में संचालित प्रदेश के शासकीय विधि महाविद्यालयों की संख्या व वहां संचालित स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के अनुसार प्राध्यापकों के पदों में वृद्धि को लेकर पद सृजित करने की मांग रखी।जिसे उच्च शिक्षा विभाग ने संज्ञान में लेकर इसकी फड़ताल भी कराई और बी.सी.आई. के मापदंडो के अनुरूप विधि प्राध्यापकों के पदों में वृद्धि करने हेतु समस्त विधि महाविद्यालयों से जानकारी एकत्र की गई।
वावजूद हाल ही में जब 7 अगस्त 2024 को इसका पुनः विज्ञापन जारी हुआ तो उसमें भी एक मात्र पद का ही उल्लेख है।बता दें कि विधि का यह एक पद तब का स्वीकृति है जब पूरे प्रदेश में एक मात्र छत्तीसगढ़ महाविद्यालय में ही विधि के पाठ्यक्रम संचालित होते थे।आज पूरे प्रदेश में 11 महाविद्यालय हैं।जिसे लेकर विधि के आवेदक विधायक पुरन्दर मिश्रा से संपर्क कर इस पर शासन स्तर में उचित कार्यवाही करवाने निवेदन किये थे।
छत्तीसगढ़ राज्य में 11 शासकीय महाविद्यालयों में विधि विषय का अध्यापन विधि विभाग के माध्यम से तथा 01 स्वतंत्र विधि महाविद्यालय छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित है तथा इसमें 06 महाविद्यालय के विधि विभागों में स्नातकोत्तर कक्षाओं में (एल.एल.एम.) अध्यापन संचालित है।इसके साथ ही स्वतंत्र विधि महाविद्यालय भाटापारा के स्वीकृत सेटअप में प्राध्यापक (विधि) का पद का सृजन नहीं किया गया है।गौरतलब हो कि प्रदेश के किसी भी विधि विषय में एक सीट भी खाली नहीं रहती बल्कि हजारों विद्यार्थी प्रवेश की प्रत्याशा में हर साल वंचित रह जाते हैं।
नियम क्या कहता है-
विधि शिक्षा के उन्नयन हेतु नियामक संस्था बॉर कौंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली के नवीन प्रावधानों के अनुरूप प्रत्येक विधिक शिक्षण केन्द्र में 02 प्राध्यापकों तथा जहां विधि स्नातकोत्तर कक्षाएं संचालित हैं, वहां 02 प्राध्यापक विधि के अतिरिक्त पद का सृजन अनिवार्य है, तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली एवं नई शिक्षा नीति 2020 तथा राज्य के सेटअप स्वीकृत करने की नीति जब किसी संकाय का स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम का सेटअप सृजन महाविद्यालय में किया जाता है,तो 02 प्राध्यापक का पद अनिवार्य रूप से स्वीकृत किया जाता है।जबकि विधि विषय में इसका पालन नहीं हुआ है। लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापित प्राध्यापक पद के विज्ञापन में विधि विषय के पद संख्या में बार कौंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमानुसार पद संख्या में वृद्धि नहीं कि गई है।
यह भी पढ़ें : जब आत्मसमर्पित ‘नक्सल बहनों’ ने डिप्टी CM ‘विजय शर्मा’ को बांधी राखी…लिया उनसे यह वचन
यह भी पढ़ें : Chhattisgarh : कांग्रेस में क्यों है ‘बदलाव’ को लेकर अभी ऊहापोह?.. समझिए इसके बड़े सियासी कारण
यह भी पढ़ें :गौ सत्याग्रह : प्रदेशभर में कांग्रेस का जंगी प्रदर्शन! विरोध में फोड़े पटाखे…लेकर पहुंचे मवेशी
यह भी पढ़ें :क्याें छिड़ी ‘गौठान’ पर सियासी जंग ?. कांग्रेस पर भाजपा का पलटवार… संजय श्रीवास्तव के निशाने पर भूपेश