कल से शुरू होगा छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र

By : dineshakula, Last Updated : July 13, 2025 | 6:48 pm

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र (Monsoon session) सोमवार से शुरू हो रहा है। इस सत्र से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस ने अपने विधायक दल की बैठक बुलाई है। यह बैठक रायपुर स्थित राजीव भवन में शाम 4 बजे से शुरू हो चुकी है, जिसकी अध्यक्षता नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत कर रहे हैं। बैठक में इस बात पर चर्चा हो रही है कि सत्र के दौरान किस तरह से सरकार को घेरा जाए और जनता से जुड़े मुद्दों को किस रणनीति के तहत सदन में उठाया जाए।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बैठक से पहले मीडिया को बताया कि यह मानसून सत्र कांग्रेस के लिए बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर उस मुद्दे को पूरे जोर-शोर से सदन में उठाएगी, जो आम जनता से जुड़ा हुआ है। उनका कहना है कि आज किसान परेशान हैं, युवा बेरोजगार हैं, नकली शराब खुलेआम बिक रही है, अवैध उत्खनन जोरों पर है, गरीबों के घर तोड़े जा रहे हैं और उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं। कांग्रेस इन तमाम विषयों को सत्र में मजबूती से उठाएगी।

दीपक बैज ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस सिर्फ सदन में ही नहीं, बल्कि सड़क पर भी जनता की आवाज़ बनेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी योजनाबद्ध तरीके से भाजपा सरकार को घेरेगी और जनता के हक में आवाज़ बुलंद करेगी। उन्होंने बताया कि विधानसभा नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की अगुवाई में सभी विधायक सत्र की रणनीति तैयार कर रहे हैं। इस बैठक में कांग्रेस के सभी विधायक शामिल हैं और सत्र के संभावित मुद्दों पर गंभीर चर्चा की जा रही है।

इस बार के 5 दिवसीय सत्र को लेकर विधायकों ने कुल 996 सवाल लगाए हैं, जिससे यह साफ है कि सदन में तीखी बहस देखने को मिल सकती है। कांग्रेस राज्य में पिछले 18 महीनों की भाजपा सरकार की कार्यशैली और फैसलों को लेकर आक्रामक रवैया अपनाने जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अब जब सरकार को डेढ़ साल हो चुके हैं, विपक्ष जनता से जुड़े मुद्दों पर और अधिक आक्रामक रुख अपनाएगा। दूसरी ओर, सरकार भी अपने कामकाज का बचाव करने के लिए तैयार है और आंकड़ों व योजनाओं के ज़रिए विपक्ष के सवालों का जवाब देने की रणनीति पर काम कर रही है।

कांग्रेस जिन प्रमुख मुद्दों को उठाने जा रही है, उनमें डीपीए और खाद से जुड़ी किसानों की समस्याएं, युवाओं की बेरोजगारी, नकली शराब की बिक्री, अवैध रेत उत्खनन, गरीबों के मकानों को तोड़े जाने की कार्रवाई, उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के आरोप और CGMSC से दवा खरीदी में गड़बड़ी शामिल हैं।