‘सरेंडर’ करने वाले ‘नक्सलियों’ को 10 लाख और ‘शहीद’ के परिजनों को मिलेंगे 20 लाख

भूपेश सरकार (Bhupesh Sarkar) ने अब नई एंटी नक्सल नीति (new anti naxal policy) के तहत काम करेगी।

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  • Updated On - March 18, 2023 / 12:59 PM IST

रायपुर। भूपेश सरकार (Bhupesh Sarkar) ने अब नई एंटी नक्सल नीति (new anti naxal policy) के तहत काम करेगी। इसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कैबिनेट ने मंजूरी दी है। नई नीति में अन्य राज्यों के पीड़ित व्यक्ति को भी मुआवजे के लिए पात्र किया गया है। सरकार इस नीति पर मदद की राशि को भी बढ़ा रही है। सरकार का दावा है कि विकास, विश्वास की धारणा के साथ काम किया जा रहा है।

इस नीति में विभिन्न विभागों द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि क्षेत्रों में किये जाने वाले कार्यों / लक्ष्यों को तय किया गया है। ये भी तय किया गया है कि ‘मनवा नवा नार’ योजना के तहत गांवों का विकास होगा। अनुसूचित क्षेत्रों / वन क्षेत्रों के लिए लागू कानूनों / नियमों का प्रभावी पालन किया जाएगा।

ये सुविधाएं हैं शामिल

पुलिस बल के शहीदों के परिजनों को अतिरिक्त राहत राशि के रूप में 20 लाख रुपये कृषि भूमि क्रय किये जाने के उद्देश्य से दिया जाएगा। 3 वर्ष के भीतर जमीन खरीदने पर 2 एकड़ भूमि तक स्टाम्प ड्यूटी / पंजीयन शुल्क में पूरी छूट दी जाएगी। घायल जवानों को आवश्यकता होने पर कृत्रिम अंग प्रदान किये जाने की व्यवस्था की जाएगी।

नीति में नक्सल व्यक्तियों / परिवारों तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास के लिए प्रावधान बनाए गए हैं । इसमें फैसला जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति करेगी। पुनर्व्यस्थापन में कठिनाई होने पर राज्य स्तर पर अपर मुख्य / प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। पुनर्वास के लिए कई विभागों द्वारा अनेक प्रकार के लाभ / सुविधाओं का प्रावधान किया गया है।

नक्सल पीड़ित व्यक्तियों हेतु प्रमुख प्रावधानों में हत्या / मृत्यु, चोट, संपत्ति एवं जीविकोपार्जन क्षति – पर पूर्व में देय मुआवजा राशि में दो गुना तक वृद्धि की गई है। आवश्यकता होने पर कृत्रिम अंग समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदान किया जाएगा। विभिन्न प्रकार की सुविधाओं में स्वयं / बच्चों की शिक्षा, छात्रावास, छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ, खाद्य विभाग की योजनाओं का लाभ, स्वरोजगार योजनाओं से जोड़ा जाना, नियमानुसार विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।

परिवार के कमाने वाले व्यक्ति की हत्या प्रकरण में अनुकम्पा नियुक्ति की तर्ज पर शासकीय सेवा प्रदान की जाएगी। यदि शासकीय सेवा नहीं दी जाती तब कृषि भूमि क्रय करने हेतु 15 लाख की अतिरिक्त राशि दी जाएगी तथा 3 वर्ष में कृषि भूमि क्रय करने पर 02 एकड़ तक भूमि पर स्टाम्प ड्यूटी / पंजीयन शुल्क में पूर्ण छूट दी जाएगी।

आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए प्रमुख प्रावधानों में समर्पित राउण्ड के लिए प्रति राउण्ड (गोली) 5 रुपये के जगह 50 रुपये दिये जायेंगे। प्रत्येक नक्सली को समर्पण पर प्रोत्साहन हेतु 25 हजार रूपये की राशि दी जाएगी। नक्सल पीड़ित के समान ही आत्मसमर्पित नक्सलियों को विभिन्न विभागों द्वारा अनेक प्रकार की सुविधाओं / लाभ प्रदान करने हेतु विचारण / कार्रवाई की जाएगी।

सक्रिय 5 लाख या अधिक के इनामी नक्सली को आत्मसर्पण पर 10 लाख की राशि अगल से दी जाएगी ( यह राशि उसके ऊपर घोषित इनाम राशि और समर्पित हथियार के बदले देय मुआवजा राशि के अतिरिक्त होगी) । यह राशि बैंक में सावधि जमा की जाएगी और इसका ब्याज समर्पित नक्सली को दिया जाएगा। 3 वर्ष के बाद उसके चाल चलन की समीक्षा उपरांत यह राशि प्रदान की जाएगी।

ये नियम भी जोड़े गए

अन्य राज्यों के पीड़ित व्यक्ति को भी मुआवजा के लिए पात्र किया गया है।

नक्सल पीड़ित / आत्मसमर्पित नक्सली जिसके द्वारा नक्सल विरोधी अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग किया गया हो तथा जिसे इस कारण स्वयं की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया हो, ऐसे प्रकरणों में पुलिस महानिरीक्षक रेंज उसे पुलिस विभाग में निम्नतम पदों पर भर्ती कर सकेंगे ।

सभी विभागों को नई नीति लागू करने के लिये नियमों / प्रावधानों में संशोधन हेतु 60 दिन का समय दिया गया है।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम के प्रावधान पहले की तरह लागू होंगे।

नक्सल उन्मूलन नीति लागू होने की तिथि से 5 वर्ष के लिये प्रभावी रहेगी।