नेता जी की सियासी चाल : शादी और पार्टियों में डाल रहे वोटरों पर डोरे, अपना रहे अजब-गजब फंडे
By : madhukar dubey, Last Updated : January 23, 2025 | 11:22 pm
नेताओं ने जातिगत ताकत दिखाने खेला सामाजिक खेल
रायपुर। (Announcement of municipal elections) नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा के साथ नेता घर से बाहर निकल पड़े है। सामाजिक और जातिगत सपोर्ट के लिए हर छोटे से बड़े कार्यक्रम में शामिल होकर यहां बताते पाए जा रहे हैं कि वो यहां से दावेदारी कर रहा है लगभग फाइनल हो गया है, इस बार समर्थन देकर समाज के लोगों को आगे बढ़ाए। निकाय चुनाव को लेकर नेताओं ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसी बीच वार्डों में जाकर जनसंपर्क करने से लेकर शादी-पार्टियों तक में नेता पहुंच रहे हैं। हालांकि, अभी कई नेताओं को टिकट नहीं मिला है, लेकिन उम्मीद है कि 25 जनवरी तक सभी प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे। टिकट मिलेगा या नहीं मामला संशय में है, फिर भी जनसंपर्क में जुटे नेता। प्रत्येक पार्टी से आठ से 10 प्रत्याशियों ने अपनी दावेदारी (10 candidates staked their claim) पेश की है।
वाट्सएप ग्रूप और बैनर-पोस्टर से अपना प्रचार-प्रसार कर रहे नेता
आचार संहिता लगने के बाद दावेदार प्रत्याशियों की सक्रियता बढ़ गई है। दिनभर जहां अपने क्षेत्रों में लोगों के साथ मिलना शुरू कर दिए हैं। वहीं, शादी पार्टियों में देर तक जनसंपर्क भी किया जा रहा है। हालांकि, टिकट मिलेगा या नहीं यह मामला संशय में है। मगर, अपनी ओर से सभी दावेदार किसी भी प्रकार से कमी नहीं रख रहे हैं। खासकर बड़े नेता जिन आयोजनों में जा रहे हैं। उन जगहों पर वार्डों के दावेदार भी पहुंचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। दरअसल, प्रत्येक वार्ड से शीर्ष नेतृत्व ने अधिकतम तीन नाम मंगाए हैं। ऐसे में किसके नाम पर मुहर लगेगी यह शीर्ष नेतृत्व के अधीन हैं। मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक पार्टी से आठ से 10 प्रत्याशियों ने अपनी दावेदारी पेश की है।
एक-दो दिन का मौका है
- नगर निगम के 70 वार्ड के प्रत्याशियों के लिए एक से दो दिन का अवसर बचा है। दरअसल, जिस तरह से जानकारी सामने आ रही है, उसके अनुसार 25 से पहले सभी वार्डों के पार्षद प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे।
ऐसे में शहर के बड़े नेता और जिला अध्यक्षों के पास पहुंचने और अपनी दावेदारी को मजबूत बनाने में दावेदार कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस बार नगर निगम में कांग्रेस की सरकार थी, जिसके चलते कांग्रेस दल में टिकट देने से पहले प्रत्याशियों के प्रति लोगों का विचार भी देखा जा रहा है। वहीं, बीजेपी में अधिकांश पुराने चेहरे ही देखने को मिल सकते हैं।
दावेदार प्रत्याशी अपने कार्यों के शार्ट वीडियो बनाकर अपने क्षेत्रों में प्रसारित कर रहे हैं। साथ ही वार्ड की जनता का फीडबैक भी लिया जा रहा है कि उन्हें उनका कार्य कैसा लगता है। देखने में आया है कि कई दावेदार प्रत्याशियों के कार्यों की वार्डवासी सराहना कर रहे हैं। वहीं, कुछ जगह के लोग पांच वर्षों में अपने पार्षद को ही नहीं पहचान सके हैं। मगर, इनका किला ढहा पाना दूसरे प्रत्याशियों के लिए मुश्किल है। दरअसल, इनके द्वारा बीते पांच वर्षों में उन्हीं के लिए काम किया गया है, जिनके वोट से वे जीतकर फिर से सत्ता में आ सकें। शहर के छोटे वार्ड के दावेदार प्रत्याशी वाट्सएप ग्रुप और बैनर-पोस्टर को अपने प्रचार प्रसार का मुख्य माध्यम बना रहे हैं। इन दावेदार प्रत्यासियों की मानें, तो सभी से उनका मिलना जुलना लगातार चलते रहता है। बस प्रतिदिन एक नोटीफिकेशन के तौर पर लोगों को मैसेज किया जा रहा है, ताकि उनके जहन में याद बनी रहे।
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