रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के बेटे चैतन्य बघेल की ईडी कस्टडी की मियाद खत्म हो गई है। आज उन्हें रायपुर की स्पेशल कोर्ट में दोबारा पेश किया जाएगा। बीते पांच दिनों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चैतन्य से शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कई अहम बिंदुओं पर पूछताछ की है। सूत्रों की मानें तो पूछताछ के दौरान कई नए तथ्य सामने आए हैं, जिनके आधार पर अब ईडी कुछ होटल और रियल एस्टेट कारोबारियों को नोटिस जारी कर सकती है।
ईडी के अनुसार, शराब घोटाले से जुड़े पैसों में से चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये मिले हैं। यह रकम कथित रूप से रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट की गई और फर्जी निवेश दिखाकर ब्लैक मनी को वाइट किया गया। जांच एजेंसी का दावा है कि इस सिंडिकेट ने लगभग 1000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है।
ईडी ने अपनी जांच में पाया कि बघेल डेवलपर्स के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट में इस घोटाले की रकम का निवेश किया गया। इस प्रोजेक्ट के कंसल्टेंट राजेन्द्र जैन ने बताया कि प्रोजेक्ट पर असल में करीब 13 से 15 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि रिकॉर्ड में केवल 7.14 करोड़ रुपये दिखाए गए। इतना ही नहीं, जांच में यह भी सामने आया कि बघेल की कंपनी ने एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ रुपये कैश में दिए, जिसकी कोई एंट्री नहीं थी।
ईडी ने प्रोजेक्ट से जुड़े अकाउंटेंट के ठिकानों पर छापेमारी कर डिजिटल डिवाइसेस और दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनसे इन अनियमितताओं की पुष्टि हुई है।
चैतन्य को 18 जुलाई को भिलाई से गिरफ्तार किया गया था। 19 अगस्त को कोर्ट में पेशी के दौरान ईडी ने 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड मांगी थी, जो आज पूरी हो रही है। अब यह देखना अहम होगा कि कोर्ट रिमांड बढ़ाता है या न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश देता है।
जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इस घोटाले से जुड़े और नाम सामने आने की संभावना है। अगर होटल और रियल एस्टेट कारोबारियों की भूमिका की पुष्टि होती है, तो बड़ी गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।