निखिल चंद्राकर का ED के ‘असिस्टेंट डॉयरेक्टर’ पर प्रताड़ना का आरोप

By : madhukar dubey, Last Updated : March 1, 2023 | 9:30 pm

छत्तीसगढ़। मनी लांड्रिंग और कोयला लेवी घोटाले के आरोप में जेल में बंद सूर्यकांत तिवारी के सहयोगी निखिल चंद्राकर (Nikhil Chandrakar) ने ईडी के अफसरों की शिकायत पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से की है। पत्र की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के साथ-साथ मुख्यमंत्री, डीजीपी और रायपुर एसएसपी को भी भेजी गयी है। ED के डायरेक्टर को भेजे पत्र में निखिल ने लिखा है कि जांच के नाम पर ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर निर्मल झरवाल प्रताड़ित करते हैं। निर्मल झरवाल की लिखित शिकायत में निखिल चंद्राकर ने कहा है कि कोयला घोटाले की जांच के नाम पर छत्तीसगढ़ के व्यापारियों, किसानों, उद्योगपतियों और आम लोगों के बीच दहशत फैलाने का काम कर रहे हैं। असिस्टेंट डायरेक्टर झरवाल पर निखिल ने धमकी देने के साथ वसूली करने का भी आरोप लगाया है। निखिल ने अपने तीन पन्नों के पत्र में अपने प्रताड़ना का भी जिक्र किया गया है।

अपने पत्र में निखिल ने कहा है कि विनम्रता पूर्वक आपको यह बताना चाहता हूं कि पिछले छह महीनों से झरवाल ने कोयला घोटाले की जांच के नाम पर छत्तीसगढ़ के व्यापारियों, किसानों उद्योगपतियों और आम नागरिकों के बीच दहशत फैलाने का काम किया जा रहा है, जिससे आपकी प्रतिष्ठित संस्था की इमेज राज्य में खराब हो रही है तथा कांग्रेस पार्टी को बिना वजह लोगों की सहानुभूति मिल रही है।

गवाहों को मारना और पीटने के साथ बनवाते हैं मुर्गा

आरोप लगाया है कि झरवाल जिसको चाहे मौखिक या समन भेजकर अपने ऑफिस में बुलाते हैं और यह बोलकर धमकाते हैं कि ई.डी. को अनलिमिटेड पावर है तथा में जिसको चाहूँ उसको अरेस्ट कर सकता हूँ। जिसको मैं अरेस्ट करता हूं उसको कभी बेल भी नहीं मिल सकती। जिन लोगों का कोयले के घोटाले से कोई संबंध नहीं है उनको भी बेवजह परेशान किया जा रहा है। गवाहों करना, को मारना पीटना, रात भर ऑफिस में बैठाना, गाली- गलीच और मुर्गा बनान ये सब श्री झरवाल के लिए आम बात है। यह सभी बातें में अपने पर्सनल एक्सपीरियंस से बता रहा हूँ। श्री झरवाल द्वारा कई कई उद्योगपतियों से जबरिया वसूली, की चर्चा आम है। ईडी के डर से कोई मुंह नहीं खोलना चाहता है।

बिना वजह ऑफिस में छापा मारने का ड्रामा किया गया

22 और 23 फरवरी को सरवाल द्वारा राज्य सरकार के तीन ऑफिस में बिना वजह छापा मारने का ड्रामा किया गया। 36 घंटे तक सभी कर्मचारियों को ऑफिस से बाहर नहीं निकलने दिया गया। लोगों को डराया धमकाया गया। दो दिन के घपि की राज्य में सबसे अधिक चर्चा सुरेश गोयल के उद्योग बजरंग पावर की बिजली वापस जुड़ाने की है। श्री झरवाल ने पॉट्यूशन ऑफिस में जानबुझकर खुद छापा मारा। ऑफिस के स्थफ ने बताया कि झरवाल 30 घंटे तक जांच का ड्रामा करता रहा और बिना वजह ऑफिस की फाइलें देखने का नाटक करते रहे। ऐसी- ऐसी जानकारी मांगते रहे जिससे उसका कोई वास्ता तक नहीं है। किसी कर्मचारी को उसने यह नहीं बताया कि घपि का काम क्यों किया जा रहा है और उसका मकसद क्या है। छपि के बीच में ही उसने पॉल्यूशन ऑफिस के रायपुर के अफसर मनीष को अगले दिन सुबह जबरिया बुलवाया गया।

बिना कारण अरेस्ट करने की धमकी दी जाती रही

‘नखाल सभी अधिकारियों को यह कहकर डराते रहे कि मैं किसी भी व्यक्ति को बिना किसी कारण के अरेस्ट कर सकता हूँ । आज छत्तीसगढ़ के जितने लोगों को भी मैंनें अरेस्ट किया है उनमें से कोई बाहर नहीं या सका है। राज्य के आई.ए.एस., आई. पी. एस. मेरे नाम से खौफ खाते हैं तो तुम लोगों की क्या हैसियत है।

30 से 32 घंटे छापे के बाद भी धमकाते रहे

30 से 32 घंटे बाद जब छापा खत्म होने का टाइम आया तो झरवाल ने बोला कि तुम लोगों ने जो सुरेश गोयल के प्लांट की बिजली काटी है, उसे तुरंत बहाल करो नहीं तो मैं तुम सबको अरेस्ट करके ले जाऊंगा। सभी कर्मचारी डर के मारे कांपने लगे तब पॉल्यूशन ऑफिस के बड़े अधिकारी बिवारी बोले कि ठीक है सर मैं उसकी बिजली जुड़वा दूंगा। तब अरवाल ने बोला कि अभी के अभी गोयल के प्लांट की बिजली जोड़कर मुझे खबर करो।

आपको हैरानी होगी कि झरगल के घर के मारे रायपुर के अधिकारी गोयल के प्लांट की बिजली उसी दिन, रात को जोड़कर भी गए। 36 घंटे बिना सोए सवाल के आतंक को भूलने के बाद भी पॉल्यूशन के अधिकारी 2 घंटे के अंदर 50 किलोमीटर दूर जाकर बिजली जोड़ के भी आ गए।

दूसरी तरफ सुरेश गोयल पूरे शहर में बोलता घूम रहा है कि संजय मिश्रा से मेरी फुल कोटिंग है और मैं ई.डी. में जो चाहता हूं करा सकता है घरवाल तो सिर्फ संजय मिश्रा के डायरेक्शन में पॉल्यूशन ऑफिस गया था। उसको ऊपर से बता दिया गया है कि इनरवाल मेरे कारखाने की बिजली बिना जोड़े वापस नहीं आएगा। इस घटना के बारे में पूरे राज्य में बात हो रही है और सभी लोग यह अंदाजा लगा रहे हैं कि गोयल की फैक्ट्री की बिजली वापस जुड़वाने में लंबा खेल हुआ है।

मुझे मारा-पीटा गया और जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाए गए

मेरे को भी झखाल ने कई बार पूछताछ के नाम पर बुलाया गया मारा पीटा गया और कई दिनों तक परेशान किया गया था। मुझे डरा-धमकाकर सैकड़ों पेज के बयान जो खुद उसने बनाया था, पर हस्ताक्षर करने के लिए मजदूर किया गया। जिसकी पूरी जानकारी मैं कोई में और पुलिस में दे चुका हूं।

मेरे को भी सरवाल ने कहा था कि सुरेश गोयल हमारा आदमी है और यदि तुम हमारे हिसाब से जवाब दोगे तो गोयल से तुमको लम्बी रकम दिलवा दूंगा। आपको यह बताना बहुत जरूरी है कि जी झरवाल के कारणआपको और आपक संस्था का बहुत बुरा रह?। समय रहते याह उसको रोका नहीं गया तो भाजपा का बड़ा नुकसान और कांग्रेस को अधिक फायदा हो सकता है।

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