छत्तीसगढ़। (BJP Chhattisgarh) बीजेपी छत्तीसगढ़ में किस चेहरे को आगे कर मिशन 2023 विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। इस सवाल पर अभी तक BJP में चुप्पी है, पर सांकेतिक रूप किसी बड़े चेहरे पर दांव खेलने की तैयारी है। बहरहाल, इसका खुलास अमित शाह (Amit Shah) के जाने के बाद सियासी गलियारों में चर्चा है, वे इस बार पुराने चेहरे से परहेज करने की तैयारी में हैं।
इसके पीछे कारण है कि कई पूर्व मंत्री की कार्यशैली की वजह से प्रदेश में भाजपा विरोधी लहर चल पड़ी थी। लेकिन अमित शाह के दौरे से साफ हो गया है कि उनका पूरा जोर लोकसभा चुनाव पर ही था। क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाने की अपील अपने भाषण में किया। लेकिन ‘चावल वाले बाबा’ रमन सिंह की प्रशंसा करने से वे नहीं चूके। लेकिन उन्होंने पूरे भाषण में किसी भी मंत्री का नाम तक नहीं लिया।
ऐसे में कायस लगाया जा रहा है कि भाजपा अपने अधिकांश विधानसभा के उम्मीदवारों को बदलेगी। वहीं उनमें कुछ पुराने मंत्री भी शामिल हैं। उनके टिकट कटने की पूरी संभावना जताई जा रही हैं।
टिकट के दावेदारों की सूची को फाइनल करने की जिम्मेदारी वैसे भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर के कंधे पर है। लिहाजा, वे उन्होंने अपने रूख से साफ कर दिया, जिनकी जनता के बीच छवि ठीक नहीं थी, उन्हें इस बार मौका नहीं दिया जाएगा। इसमें कोई शक नहीं है कि इस कैटेगरी में कई पूर्व मंत्री भी है। लेकिन अमित शाह द्वारा रमन सिंह की नीतियों की प्रशंसा करना, ये दर्शाता है कि भाजपा ‘रमन सिंह’ को ही चुनावी चेहरा बना सकती है।
आज @BJP4CGState के कोर ग्रुप की बैठक में शामिल होकर संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ आगामी चुनाव की कार्य योजना समेत अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। pic.twitter.com/rOPFURwus4
— Dr Raman Singh (@drramansingh) January 8, 2023
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी कांग्रेस की गुटबाजी का पूरा फायदा भी उठाने की फिराक में हैं। चर्चा है कि कांग्रेस के एक बड़े चेहरे को मौका देने के लिए बीजेपी तैयार भी है। क्योंकि उन्होंने अपने बयान में कहा था, भविष्य में वे चुनाव लड़ने का मन बनाएंगे, फिलहाल इस समय उनका मन नहीं है। इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी कहा था, अगर वे पार्टी छोड़ेंगे तो हम उनका साथ देने के लिए तैयार है। फिलहाल, अभी ओम माथुर ने कहा कि किस चेहरे को बीजेपी आगे करेगी, इस पर संसदीय बोर्ड ही तय करेगा।
एक प्रेस कांफ्रेंस में ओम माथुर ने उदाहरण स्वरूप हरियाणा का उत्तर प्रदेश का और केरल सहित कुछ अन्य राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पार्टी ने किसी नेता के चेहरे को आगे किए बिना चुनाव लड़ा। क्योंकि पार्लियामेंट्री बोर्ड की ऐसी ही राय थी। आगे भी पार्लियामेंट्री बोर्ड ही इस बारे में निर्णय लेगा। उस संबंध में हम में से कोई भी बोलने के लिए अधिकृत नहीं है।
अपने बिलासपुर प्रवास को सांगठनिक विषयों से जुड़ा बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां का कार्यभार संभालने के बाद सभी जिलों में प्रवास करना और कार्यकर्ताओं से चर्चा करना तथा संगठन के हिसाब से व्यवस्था करना, यही इस प्रवास का मुख्य उद्देश्य है। भाजपा को कार्यकर्ताओं की पार्टी बताते हुए माथुर ने कहा कि कार्यकर्ताओं के दम पर ही दो लोकसभा सदस्यों से ३५ साल के भीतर पूर्ण बहुमत की सरकार लाने में भाजपा सफल रही है। इस सवाल पर कि आगामी चुनाव में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भाजपा डर रही है क्या..? माथुर ने इसके जवाब में कहा कि भारतीय जनता पार्टी ना तो किसी से डरी है। और ना ही किसी से डरेगी।
पत्रकार वार्ता के दौरान ओम माथुर के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, जिला भाजपा अध्यक्ष रामदेव कुमावत, और भाजपा के सरगुजा प्रभारी राजा पांडे सहित बिलासपुर संभाग व जिले के भाजपा प्रभारी मौजूद रहे।