रायपुर। पंडरिया के रहने वाले संविदा कर्मचारी की सड़क हादसे में मौत हो गई। यह संविदा कर्मचारी हड़ताल में शामिल था । भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री ओपी चौधरी (General Secretary OP Chowdhary) ने इसकी मौत के पीछे कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। चौधरी ने कहा कि कांग्रेस सरकार (Congress government) की वादाखिलाफी ने संविदाकर्मी मोतीलाल की जान ली है। उनकी यह शहादत व्यर्थ नहीं जायेगी ।छत्तीसगढ़ की जनता और कर्मचारी कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेंगे।
ओपी चौधरी ने अपने बयान में आगे कहा कांग्रेस ने कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया था। तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए भूपेश बघेल ने 10 दिन में नियमितीकरण का लिखित वादा किया था। लेकिन आज इनके जन घोषणा पत्र के निर्माता और चंद महीने के उप मुख्यमंत्री सिंहदेव बयान दे रहे हैं कि संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण करने में मुश्किल है। दूसरी तरफ इनके संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे कह रहे हैं कि कैबिनेट में चर्चा कर रहे हैं। यह झूठा आश्वासन और छलावा पौने 5 साल से कर रहे हैं। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसी बीच पंडरिया में हड़ताली संविदा कर्मी की मृत्यु हो गई।
कांग्रेस सरकार की संवेदनहीनता सारी सीमाएं लांघ चुकी है। भाजपा ने संविदा कर्मचारियों की मांग का समर्थन किया है। कांग्रेस ने नियमितीकरण का वादा अपने झूठ फरेब के दस्तावेज में किया था। इसी वादे को पूरा करने की मांग पर प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को अन्न जल का त्याग करने मजबूर होना पड़ा है। मृत कर्मचारी की चार माह की बच्ची अनाथ हो गई। चार माह बाद इन मजलूमों की आह कांग्रेस को भी यतीम कर देगी।
27 जुलाई को सड़क हादसे का शिकार हुए संविदा कर्मचारी मोतीलाल को नवा रायपुर के तूता स्थित धरना स्थल पर कर्मचारियों ने श्रद्धांजलि दी। दिनभर हंगामे से भरा रहने वाला धरना स्थल शांत नजर आया मोमबत्तियां जलाकर मृत आत्मा की शांति के लिए कर्मचारियों ने प्रार्थना की।
कर्मचारियों ने बताया कि यदि कांग्रेस ने अपने किए वादे के तहत संविदा कर्मियों को नियमित कर दिया होता तो आज कम से कम मौत के बाद मोतीलाल की 3 महीने की बच्ची को सामाजिक सुरक्षा मिल पाती। बच्ची को जन्म देने के दौरान मोतीलाल की पत्नी का भी निधन हो चुका है, माता पिता की मौत के बाद बच्ची के सामने आगे की जिंदगी का संकट है और यह संकट सभी संविदा कर्मचारियों पर मंडरा रहा है। करीब 25 दिनों से संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल कर रखी है। इस बीच सरकार ने मांगे पूरी करने की बजाय एस्मा लगा कर कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया है।
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