कहते हैं कि मन जिस काम में लगे उसे शिद्दत के साथ करो। बस उसके प्रति इमानदारी से गई मेहनत और लगन एक न एक दिन जरूर रंग लाएगी।
छत्तीसगढ़ की जनजातीय विरासत कितनी समृद्ध है इसका पता आज भिलाई से आये रिखी क्षत्रिय की टीम लोक रागिनी द्वारा दी गई छत्तीसगढ़ी वाद्ययंत्रों की प्रस्तुति से मिली।
कलेक्टर विनीत नंदनवार के द्वारा जिले के सिंचाई सुविधाओं में विस्तार के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है।
कल्पना कीजिए, दो कलशों में एक महिला अपना संतुलन बनाकर लेटी है और इसके ऊपर एक महिला नृत्यरतहै। इस महिला के ऊपर एक बोतल है।
प्रदेश में आयुष योजना लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसके प्रति लोगों में इलाज कराने के लिए रूचि भी बढ़ी है।
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव के अवसर पर साइंस कॉलेज मैदान में नगरीय प्रशासन विभाग के स्टॉल में लोगों का हुजूम एकत्रित हो रहा है।
कुलगांव में दिख रही बापू के सपनों की झलक, एक ही स्थान पर 12 आजीविका के साधन छत्तीसगढ़/ रायपुर। कहते हैं कि जहां की भागौलिक परिवेश विषमताओं से भरी हो और साथ ही समाज का वो तबका जो आज भी पिछड़ेपन का दंश झेल रहा हो। इन झंझावतों के बावजूद अगर कुछ अनूठा काम हो [&h
भले ही विज्ञान न माने आत्मा और परमात्मा को लेकिन ये तो सच है कि इस मायावी दुनिया का चलाने वाली कोई अद्श्य शक्ति है।
नृत्य कलाएं हमारी धरोहर और मानव जीवन के अस्तित्व से जुड़ीं हैं। इन कलाओं के जन्म के पीछे भी एक कहानी है।
28 राज्यों, 7 केन्द्र शासित प्रदेशों सहित 10 देशों के कलाकारों ने नृत्य की झलक दिखाकर दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध