भले ही नान घोटाला पुराना हो, लेकिन समय-समय पर इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आते रहते हैं। जब भी यहां भ्रष्टाचार की परतें किसी एक की किन्हीं कारणवश खुलने लगती है तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी एक दूसरे पर हमलावार हो जाती है।
आज वो समय भी याद है, जब रेलवे क्रासिंग से गुजरते वक्त घंटों लग जाते थे। लोग जाम में फंसकर बेहाल हो जाते थे। लेकिन बीते दिनों में मानव क्रासिंग बंद अंडरब्रिज बनाने का काम शुरू हो गया था। वैसे शहर के अधिकांश रेलवे क्रासिंग पर अंडरब्रिज का निर्माण पूरा �
भाजपा छत्तीसगढ़ सह प्रभारी नितिन नवीन के बायान के बाद अब एनएसयूआई ने अब मोर्चा खोल दिया है। इनके बयान के विरोध में एनएसयूआई ने विरोध प्रदर्शन कर उनका मोतीबाग सुभाष स्टेडियम के पास पुलता फूंका।
छत्तीसगढ़ रायपुर में पहली बार ऐसा हुआ जब 22 साधुओंं में 3 युवकों ने बाल ब्रहमचारी का व्रत कर दीक्षा पा ली। इस ऐतिहासिक पल के जैन धर्म के हजारों लोग साक्षी बने। आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज ने खुद ब्रह्मचारी सौरभ (परतबाड़ा), ब्रह्मचारी निखिल(छतरपुर) और �
प्रदेश में काेयला परिवहन में करीब 3 हजार करोड़ रुपए के अवैध वसूली का आरोप भाजपा के विधानसभा नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने लगाया। उन्होंने ईडी की जांच में पाये गये सबूतों के आधार पर इस भ्रष्टाचार का ठीकरा सत्तासीन पार्टी कांग्रेस के सिर पर फोड़ दिय
भिलाई में शराब दुकान हटाने की मांग को लेकर वहां के लोगों ने एक अनूठा प्रदर्शन कर डाला। विधायक और मंत्री से जब लोग गुहार लगाकर थकहार गए तो उन्होंने स्थानीय विधायक और मंत्री के मुखौटे को पहनकर सड़क पर उतर गए।
रायपुर के बाल आश्रम में एक साल से नाबालिग के साथ वहीं के कर्मचारी गैंगरेप करते रहे और किसी को भनक तक नहीं लगी। उसके गर्भवती होने की खबर फैलते ही सरकार पर विपक्ष ने हमला कर दिया।
यहां की महिलाओं ने गजब का कारनामा कर दिखाया। इन ग्रामीण अंचल की महिलाओं को सरकार ने गौठानों से जोड़ा तो इन्होंने बिना मौका गंवाये। एक नवाचार ही कर डाला। अब तक ये गोबर से वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन में ही लगीं थीं। लेकिन इधर बीते एक सालों में इन्होंने
एक वक्त था, जब दंतेवाड़ा धुर नक्सली इलाकों में बारुदी सुरंगें और गोलियों के तड़तड़ाने की गूंज हर दिन कहीं न कहीं सुनाई देती थी। कारण भी था, यहां फैली गरीब और अशिक्षा।
एक समय था, जब घर के कामकाज में ही पूरा दिन बीत जाता था, शाम ढलने के बाद मेरे पति आते थे तो उनके चेहरे पर कोई खुशी नहीं होती थी।