PM मोदी की सौगात : रायपुर में छत्तीसगढ़ के ‘प्रथम माईक्रोबायोलॉजी’ खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला!…शुभारंभ
By : hashtagu, Last Updated : February 25, 2024 | 8:57 pm
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज शाम राजकोट से राजधानी रायपुर के कालीबाड़ी में स्थित छत्तीसगढ़ के प्रथम माईक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला (First Microbiology Food Testing Laboratory of Chhattisgarh) का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक ही समय में देश के विभिन्न शहरों में अनेक लोकार्पण और शिलान्यास कर नई परंपरा की शुरूआत की। मोदी ने कहा कि ऐसे ही तेज गति से कार्य कर विकसित भारत का संकल्प पूरा होगा।
- कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन मोदी जी की गारंटी को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। हम प्रत्येक नागरिक को शुद्ध, गुणवत्तापूर्ण सुरक्षित एवं पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध हैं। बेहतर स्वास्थ्य की संकल्पना पूरी हो सके इसके लिए यह लैब खाद्य सुरक्षा के लिए एक कवच का काम करेगी।
कार्यक्रम में विधायक रायपुर ग्रामीण मोतीलाल साहू, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य रेणु पिल्ले, नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन दीपक सोनी, एमडी एनएचएम डॉ. जगदीश सोनकर, आयुक्त नगर निगम अविनाश मिश्रा, उप सचिव भारत सरकार पुलकेश, एफएसएसएआई के अधिकारी शरद राव तथा बड़ी संख्या में कर्मचारी अधिकारी उपस्थित रहे।
- दिसंबर 2006 से कालीबाड़ी रायपुर स्थित नवीन भवन में खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का संचालन किया जा रहा है। जिसमें आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला की सौगात दी गई। यह प्रयोगशाला खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण, नई दिल्ली की अतिरिक्त वित्तीय सहायता 4 करोड़ 33 लाख रूपए से तैयार की गई है। यह प्रदेश की प्रथम खाद्य माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला है।
खाद्य पदार्थों एवं पेयजल को हानिकारक सूक्ष्म-जीवाणुओं द्वारा दूषित कर दिया जाता है, जिससे जन-सामान्य को कई तरह की बीमारियां होने की संभावना रहती है। खाद्य जनित बीमारियॉ जैसे उल्टी, डायरिया, टाईफाईड, बुखार, हैजा, त्वचा संबंधित बीमारियां आदि होती है।
पूर्व में प्रयोगशाला में रासायनिक परीक्षण, हैवी मैटल, पेस्टीसाईड, विटामिन्स की परीक्षण होती थी, परन्तु माईक्रोबायोलॉजिकल मानकों की जॉच नहीं होती थी। अब आधुनिक मशीनों से सुसज्जित माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला प्रारंभ होने से खाद्य पदार्थाे को दूषित करने वाले बैक्टीरिया, फंगस, यीस्ट, मोल्ड आदि की जांच हो सकेगी।
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