कर्नाटक कांग्रेस में CM को लेकर ‘सियासी’ उलझन! आखिर क्यों

हर बार की तरह अन्य राज्यों में जिस तरह की उलझन मुख्यमंत्री चयन को लेकर कांग्रेस दुविधा में रही है ठीक वही असमंजस कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Legislative Assembly) चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करने के बाद भी कांग्रेस राज्य के मुख्यमंत्री पद के नाम को चुनने को लेकर उलझ गई है।

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  • Updated On - May 15, 2023 / 05:01 PM IST

छत्तीसगढ़ (बृजेश कुमार)। हर बार की तरह अन्य राज्यों में जिस तरह की उलझन मुख्यमंत्री चयन को लेकर कांग्रेस दुविधा में रही है ठीक वही असमंजस कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Legislative Assembly) चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करने के बाद भी कांग्रेस राज्य के मुख्यमंत्री पद के नाम को चुनने को लेकर उलझ गई है। रविवार को हुई विधायक दल की बैठक में भी कोई फ़ैसला नहीं हो पाया।पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार (State President DK Shivkumar) और पूर्व सीएम सिद्धारमैया में से ही किसी एक को सीएम पद मिलना है।

बहरहाल डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों में से कोई भी इस पद को लेकर पीछे हटने तैयार नहीं है। बल्कि बैठक के दौरान दोनों के समर्थकों की नारेबाज़ी जारी रही। चौकाने वाली बात ये भी है कि सीएम पद के लिए कोई नाम तय हुए बग़ैर ही पार्टी ने शपथग्रहण की तारीख़ तय कर दी है। कर्नाटक के नए सीएम का शपथग्रहण समारोह 18 मई यानी गुरुवार को होना है।इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि हाईकमान ने एक नाम तय कर चुकी है,जिसकी घोषणा कभी भी हो सकती है।

इस बीच डीके शिवकुमार ने कई मंदिरों और मठ का दौरा किया और अपने समर्थकों के साथ रणनीतिक वार्ताएं भी की है। नोनाविनकेरे मठ का दौरा करने के बाद उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा, मैंने पार्टी की ख़ातिर जेल की सज़ा के साथ ही कई प्रताड़नाएं झेली हैं। जब सिद्धारमैया को सीएम का पद 2013 में दिया गया तो मैं शांत था। अब न्याय का समय आ गया है।इसका सीधा अर्थ यह लगाया जा रहा है कि वे मुख्यमंत्री पद के उपयुक्त हकदार हैं।

असमंजस के इस दौर में दोनों दावेदारों के बीच ढाई-ढाई साल के फार्मूले की भी चर्चा सुर्खियों में है,जो छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में कथित रूप से फेल हो चुका है और इसे लेकर राज्य से लेकर दिल्ली तक खुब राजनीतिक उठापठक हुई थी। इस बीच कर्नाटक के पूर्व मंत्री बसवराज रेया रेड्डी ने कहा, “एक स्थिर सरकार सबसे जरूरी है। पांच साल के लिए केवल एक सीएम बनाना बेहतर होगा। सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों ही योग्य हैं। शिवकुमार ने पार्टी को बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है, लेकिन सिद्धारमैया लोगों के बीच प्रचलित हैं।

निर्मलानंदाता स्वामी कहते हैं, किसी भी पैमाने से शिवकुमार सीएम बनने के योग्य हैं। उन्होंने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की, इसका उन्हें इनाम मिलना चाहिए। आमतौर पर कोई पार्टी चुनाव जीतती है तो उसके प्रदेशाध्यक्ष को ही पद दिया जाता है। मैं उम्मीद करता हूं कि मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी शिवकुमार के साथ न्याय करेंगे।डीके शिवकुमार के धड़े का कहना है कि उनके नेता को वोक्कालिगा और लिंगायत जैसे दोनों बड़े समुदायों से आने वाले विधायकों का समर्थन है। कर्नाटक में कांग्रेस के 37 लिंगायत और 29 वोक्कालिगा समुदाय से विधायक हैं।

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