गरीबों के घरौंदों में ‘सियासी घुसपैठ’!, मुद्दों की ‘छीना-झपटी’
By : madhukar dubey, Last Updated : March 5, 2023 | 1:18 pm
हां, इतना जरूर है, जनता सब समझती है। क्योंकि उनकी याद पार्टियां सिर्फ चुनाव के वक्त ही करती हैं। किसान, बेरोजगार, जरुरतमंद गरीब खुद को ठगा महसूस करता है। जैसे ही चुनाव आता है, सत्तासीन पार्टियों को भी अपने अधूरे वादों की याद आ जाती है। इन लफ्जबाजियों को जनता भी बखूबी समझती है। चार साल, आखिर क्यों, नेता जी इन वादों को भूले बैठे थे।
इधर, विपक्ष की भूमिका भी सिर्फ चुनावी मौसम में दिखती है। इनके धरना-प्रदर्शन करते-करते चुनाव आ जाएगा। फिर क्या एक जुमला पब्लिक में उछलेगा, तुम हमें वोट दो, हम तुम्हें सभी ‘समस्याओं’ से मुक्ति देंगें। सत्ता में आए तो भूल जाता है। हारे तो कहने का मौका मिल जाता है, सत्ता में आएंगे तो जरूर पूरा कर देंगे।
उधर, दूसरी पार्टी जो सत्ता में है, उसे अपने वादों की ‘बारात’ यानी घोषणा पत्र के अधूरे वादों को पूरा करने का ऐलान चुनावी साल में करती है। इधर, पंचायत शिक्षक कर्मियों की विधवाएं 20 अक्टूबर से अनुकंपा नियुक्ति की मांग पर धरना दे रही हैं। जब उनकी नहीं सुनी गई तो उन्होंने खुद का मुंडन करा लिया। इनके ‘करूण रुदन’ की आवाज गूंज रही है। लोगों के मन में सवाल है, इन विधवाओं की गृहस्थी चलाने के लिए कोई भी व्यवस्था सरकार ने क्यों नहीं कराई।
ईडी की छापेमारी को लेकर कांग्रेस भी आक्रामक
अब इन तमाम मुद्दों को लेकर चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने में बीजेपी जुटी है। इन सबके बावजूद छत्तीसगढ़ में लगातार ईडी की छापेमारी को लेकर कांग्रेस भी आक्रामक है। क्योंकि राष्ट्रीय अधिवेशन में ईडी ने कांग्रेसी नेताओं के घर छापा मारा। ऐसे में कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी की केंद्र सरकार ईडी को हथियार बनाकर इस्तेमाल कर रही है। जिसे लेकर ईडी को लेकर कांग्रेस के प्रदर्शन जारी है।आरक्षण को लेकर राजभवन और सरकार में ठनी है। अब मामला कोर्ट तक जा पहुंचा है। इन सबके बीच बीजेपी नेताओं की नक्सल क्षेत्र में हत्या होने का मुद्दा गरम है।
भूपेश के तिलिस्म को तोड़ना बीजेपी के लिए चुनौती
अगर इन कुछ मुद्दों को छोड़ दिया जाए, तो कांग्रेस की भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों में जो काम किए है, उसकी सराहना पूरे देश में हो रही है। भूपेश के जनकल्याणकारी योजनाओं के मॉडल को कई राज्य अपना रहे हैं। यही कारण भी है कि हिमाचल प्रदेश में भूपेश के माडल की धूम रही और कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला।
इतना ही नहीं भूपेश सरकार की कर्जमाफी और धान के 2500 रुपए न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित राजीव गांधी न्याय योजना की सफलता का डंका पूरे देश में बज रहा है। ऐसे में जाहिर है कि BJP की राहें आसान नहीं है। क्योंकि ग्रामीण अंचलों में भूपेश सरकार की लोकप्रियता को तोड़ पाना BJP के लिए चुनौती है। यही कारण है कि मुद्दों की खोज में बीजेपी के हाथ पीएम आवास ही लगा है। अब इसके सहारे जनता के बीच BJP चुनावी माहौल बनाएगी।
पीएम आवास का मुद्दा उठाने की कोशिश में BJP
खैर छोडि़ए, अब बात करते हैं छत्तीसगढ़ में चुनावी साल में पीएम आवास का मुद्दा, जिसे विपक्ष उठाने की कोशिश में है। क्योंकि BJP की सरकार केंद्र में है। केंद्र की इस योजना को यहां सर्वे नहीं होने के नाम पर बंद कर दिया गया है। प्रदेश सरकार का कहना है कि सर्वे केंद्र सरकार को करना चाहिए। तभी इसे लागू किया जा सकता है। जिसे लेकर भूपेश ने कहा था, इससे पता चलेगा, कौन पात्र-कौन अपात्र। इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखा था। लेकिन कोई खास पहल नहीं होने पर भूपेश ने बघेल ने वर्तमान विधानसभा सत्र में कहा, हम सर्वे कराकर गरीबों को आवास देंगे। जिस पर BJP ने कहा, ये काम तो पहले ही करना था।
बीते माह में सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव ने इसलिए पंचायत मंत्रालय छोड़ दिया। क्योंकि उनके द्वारा सुझावों को माना नहीं गया। उन्होंने अपने सार्वजनिक त्यागपत्र में गरीबों के 8 लाख आवास नहीं मिलने की पीड़ा बताई थी। अब BJP ने मोर आवास, मोर अधिकार के तहत धरना आंदोलन छेड़ रखा है। इसे और आगे बढ़ाते हुए 15 मार्च को BJP ने आंदोलन करने का ऐलान किया है।
दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी भी खुद की राजनीतिक जमीन तलाशती नजर आ रही है। इसके लिए बड़े नेता गोपाल राय, संजीव झा, अनूप पांडे को मैदान में उतारा है। जहां इनका दौरा लगातार छत्तीसगढ़ में हो रहा है। इसी कड़ी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमत्री भगवंत मान रायपुर जनसभा करने आ रहे हैं। इधर, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस पार्टी अकेले लड़ेगी या गठबंधन करेगी, अभी इसी ऊहापोह में है। ये दोनों पार्टियां भी मुद्दे की तलाश में हैं। लेकिन यहां छत्तीसगढ़ में फिलहाल मुख्य लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही दिखती नजर आ रही है। चुनाव के वक्त जनता के किसके साथ होगी, ये तो आने वाला समय ही बताएगा।