आरक्षण बिल पर फिर चढ़ा सियासी पारा, पढ़ें, आखिर क्यों कांग्रेस-BJP में जुबानी जंग हुई तेज
By : madhukar dubey, Last Updated : December 11, 2022 | 6:34 pm
इधर, कांग्रेस ने भाजपा पर आरक्षण विधेयक लटकाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, राज्यपाल का जो बयान आया है लगभग वही बयान भाजपा के सारे नेताओं ने दिया है।भाजपा के कुछ नेता तो विभिन्न समाजों के साथ मिलकर राज्यपाल से बिल पर हस्ताक्षर नहीं करने का ज्ञापन तक देकर आए हैं। यह साफ हो रहा है कि भाजपा नहीं चाहती है कि इस विधेयक पर महामहिम हस्ताक्षर करें। भाजपा की कलई भी इस आचरण से खुलकर सामने आ रही है।
कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, इस मामले में भाजपा साजिश कर रही
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, राज्यपाल को अगर विधेयकों से कहीं कोई दिक्कत है तो अपनी टिप्पणी के साथ उसे सरकार को वापस भेजें। अपनी क्वेरी वे सरकार से करें। सरकार उसका निराकरण करेगी। लेकिन इस तरह उन विधेयकों को रोका जाना उप भावनाओं का अपमान है, जिसके तहत उन विधेयकों को पारित किया गया था।राज्यपाल ने आठ दिन बाद भी इस विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं।
भाजपा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ये कहा
भाजपा विधायक दल के पूर्व नेता धरमलाल कौशिक ने कहा है, उन लोगों ने भी विधानसभा में यही बात कही थी, जो राज्यपाल कह रही हैं। मीडिया से चर्चा में कौशिक ने कहा, हाईकोर्ट के निर्णय के बाद सरकार यह बिल जल्दीबाजी में ले आई थी। विधानसभा में चर्चा के दौरान हम लोगों ने भी कहा था कि जिस प्रकार कर निर्णय आया है, आगे अगर कोई हाईकोर्ट चला जाता है तो क्या स्थिति बनेगी। इसलिए इन सारी चीजों को दिखवाना चाहिए कि एक बार विधेयक पारित हो जाए तो कोई कोर्ट में चैलेंज न कर सके। दोबारा आरक्षण में कटौती हो और लोगों को सफर करना पड़े, यह उचित नहीं है। कौशिक का कहना है, राज्यपाल जो कर रही हैं वह उनका अधिकार है। बिल सर्वसम्मति से पारित हुआ है। हम लोगों ने उसमें सहयोग भी दिया है। धरमलाल कौशिक ने कहा, जहां तक राज्यपाल का संबंध है तो उनको इन सारी बिंदुओं को जानने का अधिकार है कि क्या स्थिति आगे बनेगी और सरकार उसका क्या समाधान निकालेगी।