‘गौठान-गौशाला’ पर फूट रहे सियासी घोटाले! कांग्रेस बोली, BJP ने गौशाला के 1677 करोड़ डकारे

BJP द्वारा 1300 करोड़ रुपए के गौठान घोटाले के आरोप के जवाब में आज कांग्रेस ने रमनराज में गौशालाओं के नाम पर 1677 करोड़ घोटाले (1677 crore scam in the name of Gaushalas) के आरोप जड़े हैं। ऐसे में अब गौठान-गौशाला के मुद्दे पर सियासी घोटाले फूट रहे है। जिसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावार हैं।

रायपुर। BJP द्वारा 1300 करोड़ रुपए के गौठान घोटाले के आरोप के जवाब में आज कांग्रेस ने रमनराज में गौशालाओं के नाम पर 1677 करोड़ घोटाले (1677 crore scam in the name of Gaushalas) के आरोप जड़े हैं। ऐसे में अब गौठान-गौशाला के मुद्दे पर सियासी घोटाले फूट रहे है। जिसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावार हैं।

राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) ने कहा कि पूरे देश में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार देश की अकेली सरकार है जो गौसेवा के लिये गांव के गोधन एवं अन्य पशुओं के लिये गोठान बना कर गोसेवा कर रही है तो भाजपा को इसमें भी पीड़ा हो रही। भाजपा गोठानों को बदनाम करने के लिये अभियान चला रही जबकि गोठानों और गोधन न्याय योजना की तारीफ पूरे देश में हो रही। भाजपा गोठानों में भ्रष्टाचार की बात कर अपनी खीझ निकाल रही है। भाजपा को गोठान और गौशाला के बीच का मूल फर्क ही नहीं मालूम। गोठान छत्तीसगढ़ की वर्षों की पुरातन परंपरा है, हमारी सरकार ने गांवों के उसी गोठान को संवारने का काम किया है।

रमन राज में 17000 गायों की हत्या हुई

रमन राज में गौशालाओं के नाम पर 1677.67 करोड़ रू. भाजपाईयों ने गौशाला के नाम पर डकारा। रमन राज में 15 साल में 17000 से अधिक गायों की मौतें भूख से, बिना चारा पानी के तड़प कर हुई।

साथियों वह वीभत्स मंजर आज भी जब याद आता है तो सिहरनसी उठती है एक कमरे में 58 गायों को भरा गया था जब दरवाजा खोला गया तो दरवाजे के साथ मृत गायें गिर कर बाहर आई। भाजपा नेता की गौशाला में मछली पालन का तालाब बनाया गया था, जिसमें गायों के मांस का उपयोग गाय के चारे के रूप में होता था। गायों के चमड़े और हड्डी का व्यापार करने के लिये गायों को भूखा रख कर मारा जाता था।

15 साल में गौशाला के नाम से भाजपा नेताओं ने गौमाता का अनुदान को खाया, गौशाला के नाम से सरकारी जमीनों को आवंटित कर निजी उपयोग किया। आज गोधन के संरक्षण की बेहतर व्यवस्था हो रही तो इनको पीड़ा हो रही है।

15 साल तक गौशालाओं को प्रतिदिन आहार के नाम पर 115 गौशालाओं को प्रतिदिन 28 लाख 75 हजार रु. से अधिक राशि दिया जाता था। इसकी कुल राशि होती है एक साल में 1 अरब 4 करोड़ 93 लाख 75 हजार, 15 साल में 1560 करोड़ का गौशालाओं में चारा के नाम पर दिया गया।

20 हजार रु. पशुओं की दवाइयों के लिए हर माह दिया जाता था प्रत्येक गौशाला को एक साल में 2 लाख 40 हजार रुपया दिया गया। 115 गोशाला को एक साल दवाई के नाम से 2 करोड़ 76 लाख रु. 15 साल में 41.5 करोड़ रु. के करीब दिया गया। शेड निर्माण, बोरवेल, बिजली व्यवस्था के अलावा अन्य खर्चों के नाम से 76 करोड़ रू. बंदरबांट किया।

गौशाला को लगभग 5 से 10 एकड़ सरकारी जमीन आवंटित किया गया। 15 साल में लगभग 1000 एकड़ से अधिक के जमीन, भाजपा नेताओं ने गौशाला के नाम से लिया और उसका निजी उपयोग किया।

रमन सिंह के 15 सालों में गायों की सेवा के नाम पर भाजपा और आरएसएस के लोगों ने गायों को भूखा रख कर अपना पेट भरा, भाजपा राज में 17000 से अधिक गायों की मौतें हुई थी जिसके लिये हमने विपक्ष में रहते आंदोलन किया था।

गौठान निरीक्षण करने वाले भाजपा के नेता गौशाला जाने की हिम्मत करें

दुर्ग जिले धमधा के राजपुर की गौशाला में गायें चारे-पानी के अभाव में भूखे मर गयी। दुर्ग के दशंरगपुर गौशाला में सैकड़ों गाय मृत पायी गयी थी, हरीश वर्मा के रिश्तेदारों की दो अन्य गौशालाएं में भी जहां गायें मृत पायी गयी थी। कांकेर के कर्रामाड़ में इलाज, चारा, दाना के अभाव में से गायों की मौत हुयी थी। दुर्गकोंडल में गाय की मौत। रायगढ़ स्थित चक्रधर गौशाला में गायों की मौत। कर्रामाड़ में गायों की मौत। धमतरी जिला की गौशाला में गाय की मौत। गरियाबंद की गौशाला में, महासमुंद बागबाहरा गौशाला में गाय मरी। इन गौशालाओं में गायों की मौतों के मामलो में कांग्रेसजनों ने विपक्ष में रहते आंदोलन भी किया था। पंखाजुर की गौशाला में, गोंडमर्रा बेमेतरा की गौशाला में, ग्राम रानी साजा के गोरक्षा केंद्र में, बिलासपुर के पथरिया में, कोरबा की गौशाला में गायो की मौत हुई थी। पूरे प्रदेश में रमन राज में गाय मरती भाजपाई अपना पेट भरते रहे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने प्रदेश में 10894 गोठान स्वीकृत किया जिसमें 9591 गोठानो का निर्माण किया, इन गोठानो के माध्यम से पूरे प्रदेश में 3 लाख 50 हजार एकड़ जमीन चारागाह के लिए आरक्षित है। एक ओर जहां रमन राज में 1000 एकड़ सरकारी जमीन का बंदरबाट हुआ, कांग्रेस सरकार ने साढ़े तीन लाख जमीन आरक्षित किया।

गोठान राज्य सरकार की अभिनव योजना है। जिसमें गांव के पशुओं बेहतर प्रबंधन ग्रामवासियों को गोठान समितियों के माध्यम से किया जाता है। गोठान समितियां गोठानों का सारा काम काज देखती है तथा गांव के ही महिलाओं की स्व सहायता समूह गोठानों में होने वाली तमाम उत्पादन कामों को करती है। सरकार की भूमिका गोठानों में अभिवावक की है। सरकार ने गांव की सरकारी भूमि को चिन्हांकित करके वहां पर पानी और शेड आदि की व्यवस्था करके उसके संचालन का जिम्मा गांव के लोगो को ही दिया है। मुद्दाविहीन भाजपा के लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिये गांव वालो की निष्ठा और कार्य क्षमता पर सवाल खड़ा कर रहे है।

भाजपाईयों को यह पता होना चाहिए कि टीन के शेड में मवेशियों को भीषण गर्मी में बांध के नहीं रखा जाता। छत्तीसगढ़ में खरीफ के बाद अब रवी फसल की कटाई हो चुकी है, इस समय छत्तीसगढ़ में कहीं पर भी कोई फसल खेतों में नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह परंपरा रही है कि गर्मी के दिनों में मवेशी को खुला छोड़ दिया जाता है। गर्मी में गौ वंशी पशु पेड़ों की छाव, नरवा, नदियां, तालाब के आसपास पेड़ पौधों, सूखे घास, चारा चरती हैं। दुधारू पशु दूध दुहाने के लिए ही शाम को घर पर आती हैं। गोठानों के साथ ही निजी गोपालकों के मवेशी कोठा में दिन के समय बीमार, वृद्ध और छोटे बछड़े के अलावा कोई भी मवेशी इस समय नहीं मिलेगा।

कांग्रेस मांग करती है कि रमन शासनकाल में गौशालाओं को जो फंड दिया गया जो जमीन दिया गया इसकी ऑडिट किया जाए और भाजपा नेताओं के द्वारा जो गौशाला के नाम से जमीन आवंटित कर निजी उपयोग किया जा रहा है उन सभी जमीनों को गोठानो में अटैच किया जाये।

पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री प्रशासन रवि घोष, प्रवक्ता आरपी सिंह, धनंजय सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, नितिन भंसाली, अजय साहू, सुरेंद्र वर्मा, मणी प्रकाश वैष्णव उपस्थित थे।

इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)

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