रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Elections) के लिए भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है। प्रदेश की 90 में से 85 सीटों पर प्रत्याशी तय कर दिए गए हैं। बीजेपी की दोनों लिस्ट में प्रोफेशनल डिग्रीधारी ज्यादातर नेताओं ने वकालत की पढ़ाई की है। लिस्ट में केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह (Union Minister Renuka Singh) और रायगढ़ सांसद गोमती साय समेत 15 ऐसे प्रत्याशी हैं, जो 12वीं पास हैं।
पूर्व मंत्री दयालदास बघेल समेत 6 प्रत्याशियों ने केवल 10वीं तक की पढ़ाई की है। इसी तरह 10 ऐसे प्रत्याशी हैं जिनके पास वकालत की डिग्री है। प्रत्याशियों में 21 ग्रेजुएट और 17 पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वहीं, 4 डॉक्टर, 2 पूर्व IAS और 4 उम्मीदवारों के पास दूसरी प्रोफेशनल डिग्री है। बीजेपी के 2 प्रत्याशी ऐसे भी हैं जिन्होंने 5वीं और 8वीं तक ही पढ़ाई की है।
बीजेपी के प्रत्याशियों में प्रोफेशनल डिग्रीधारियों में सबसे ज्यादा संख्या वकालत करने वालों की है। 10 ऐसे प्रत्याशी हैं, जिन्होंने एलएलबी और एलएलएम जैसी डिग्री लेने के बाद राजनीति में प्रवेश किया वहीं कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने छात्र राजनीति करते हुए अपनी पढ़ाई पूरी की।
पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने 1977 में छात्र राजनीति की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने एमकॉम, MA, LLB और DBM की डिग्री ली। 1990 में वो पहली बार विधायक बने और फिर 2018 में 7वीं बार विधायक का चुनाव जीता। इस बार भी रायपुर दक्षिण से पार्टी ने बृजमोहन पर ही भरोसा जताया है।
वकालत की पढ़ाई करने वाले ननकीराम कंवर भी हैं। 1969 में जनसंघ के समय से ही ननकीराम कंवर पार्टी से जुड़े हैं। उनके पास MA और LLB की डिग्री है। उन्होंने 1972 में पहला चुनाव लड़ा, लेकिन 1977 में पहली बार जीत हासिल की और फिर 1990 से 2008 तक विधायक रहे। 2013 में हार मिली लेकिन 2018 में फिर से विधायक चुने गए। ननकीराम कंवर ने ही पीएससी मामले को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है।
MA और एलएलबी की पढ़ाई करने वाले धरमलाल कौशिक बिलासपुर जिले की बिल्हा सीट से बीजेपी की टिकट पर तीसरी बार विधायक बने हैं। कौशिक ने संगठन की राजनीति करते हुए अपनी राजनीति की शुरुआत की। वो पार्टी के मंडल महामंत्री, मंडल अध्यक्ष, युवा मोर्चा अध्यक्ष, जिला महामंत्री, प्रदेश मंत्री और प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं।
2003 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद बीज और कृषि विकास निगम का अध्यक्ष रहते हुए उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा मिला था। फिर 2008 से 13 तक वो विधानसभा अध्यक्ष रहे। 2013 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद उन्हें प्रदेश भाजपा की कमान मिली। 2018 में सरकार जाने के बाद उन्होंने नेता प्रतिपक्ष का पदभार संभाला था। हालांकि बाद में नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव से बीजेपी के प्रत्याशी हैं। वो छत्तीसगढ़ के 3 बार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टरी के पेशे से ही इन्होंने अपना जनसम्पर्क बढ़ाया साथ ही पार्टी में भी एक्टिव रहे। डॉक्टरी की पढ़ाई करते हुए ही रमन सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जनसंघ के युवा सदस्य के तौर पर की थी। वो 1990 और 1993 में मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। उसके बाद साल 1999 में लोकसभा सांसद चुने गए।
इसी तरह पार्टी के दूसरे डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी मस्तूरी विधानसभा सीट से 2003 में पहली बार विधायक चुने गए। बांधी के पास MBBS की डिग्री है। डॉक्टरी के पेशे से वो राजनीति में आए। प्रदेश में 2003 से 2007 तक रमन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। 2009 से 2013 तक अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे।
पार्टी ने इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक और आईटीआई जैसे प्रोफेशन डिग्री और डिप्लोमाधारियों को भी टिकट दिया है। जिसमें मोतीलाल साहू पॉलिटेक्निक, गौतम उइके आईटीआई, प्रबोध मिंज मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और कोटा से उम्मीदवार प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने मेटल टेक में डिप्लोमा किया है। प्रबल प्रताब सिंह जूदेव जशपुर राजपरिवार के सदस्य हैं और बीजेपी के दिवंगत नेता दिलीप सिंह जूदेव के बेटे हैं।
रामपुर ननकीराम कंवर MA, LLB
पाली-तानाखार रामदयाल उइके BA, LLB
लोरमी अरुण साव BCOM, LLB
बिल्हा धरमलाल कौशिक MA, LLB
पामगढ़ संतोष लहरे PGDR, LLB
बलौदाबाजार टंकराम वर्मा MA, LLB
रायपुर दक्षिण बृजमोहन अग्रवाल MA, LLB
रायपुर उत्तर पुरंदर मिश्रा LLM
जगदलपुर किरण सिंहदेव BSC, LLB
प्रतापपुर शकुंतला सिंह पोर्ते BA, LLB
सीट प्रत्याशी डिग्री
राजनांदगांव डॉ रमन सिंह BAMS
मस्तूरी डॉ कृष्णमूर्ति बांधी MBBS
सक्ती डॉ खिलावन साहू MBBS (AM)
बिलाईगढ़ डॉ दिनेश लाल जांगड़े MBBS (MD)
पूर्व IAS हैं ओपी चौधरी और नीलकंठ टेकाम
रायगढ़ ओपी चौधरी BSC (मैथ्स)
केशकाल नीलकंठ टेकाम MA
बीजेपी के 2 प्रत्याशी पूर्व IAS
डिग्रियों से अलग अगर ओहदे की बात करें तो बीजेपी ने दो पूर्व IAS अफसरों को चुनावी मैदान में उतारा है। पूर्व IAS ओपी चौधरी को दूसरी बार मौका देते हुए रायगढ़ से प्रत्याशी बनाया गया है। 2018 में उन्होंने खरसिया से चुनाव लड़ा था।
वहीं पूर्व IAS नीलकंठ टेकाम को केशकाल से सियासी मैदान में उतारा है। ओपी चौधरी 23 साल की उम्र में ही IAS बन गए थे। उन्होंने अपना ग्रेजुएशन BSC मैथ्स से पूरा किया। जबकि नीलकंठ टेकाम ने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
बीजेपी की कैंडिडेट लिस्ट में केन्द्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, सांसद गोमती साय, पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े, राजेश मूणत और महेश गागड़ा के नाम शामिल हैं। रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से गोमती साय को पत्थलगांव से प्रत्याशी बनाया गया है।
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