रायपुर। भाजपा (BJP) ने 17 अगस्त को पहली सूची जारी कर 21 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी। तब से लेकर अब तक ये सभी प्रत्याशी अपनी विधानसभाओं में केवल पार्टी के बुजुर्ग नेताओं और टिकट के लिए दावेदारी कर रहे प्रत्याशियों का आशीर्वाद लेने में जुटे हैं। इस बीच न तो इन्होंने कोई जनसभा की और न कोई बड़ा कार्यक्रम। पार्टी की मानें तो 12 सितंबर से शुरू हुई परिवर्तन यात्रा (Transformation Journey) के दौरान ही इन प्रत्याशियों को जनता के बीच पहली बार उतारा जाएगा। 15 सितंबर से जशपुर से दूसरी यात्रा शुरू होगी। इस बीच दूसरी सूची में भी कुछ सीटों पर प्रत्याशी उतारे जा चुके होंगे।
भाजपा ने 21 प्रत्याशी की घोषणा तो कर दी लेकिन कई जगहों पर तो जनता को पता तक नहीं है कि भाजपा ने प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है। रामविचार नेताम और विजय बघेल को छोड़कर बाकी प्रत्याशियों के घोषणा पर न तो कोई बड़ा कार्यक्रम हुआ और न हेोर्डिंग-बैनर लगे। कांकेर के प्रत्याशी आशाराम का कहना है कि अभी पार्टी से ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला है। जिलाध्यक्ष सतीश का कहना है कि प्रत्याशी पुराने नेताओं से मिल रहे हैं।
प्रत्याशी घोषित होने के बाद 20 दिन बाद 90 विधानसभाओं में आनन-फानन में विधानसभा कार्यालय खोले गए हैं। 21 विधानसभाओं में प्रत्याशी इस कार्यालय से अपने प्रचार रणनीति बनाएंगे। बाकी जगहों पर जब तक प्रत्याशी घोषित नहीं होते हैं तब तक यहां सामान्य बैठकें ही होंगी। बताया जा रहा है कि जल्द ही इन विधानसभाओं में चुनाव प्रभारी भी नियुक्त कर दिए जाएंगे।
87 विधानसभाओं से रथ गुजरेगा। इस दौरान पार्टी ने तय किया है कि जिस भी विधानसभा से रथ गुजरेगा वहां के राष्ट्रीय, प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों को रथ पर चढ़कर भाषण देने का मौका मिलेगा। जहां प्रत्याशी घोषित हैं वहां रथ पर उन्हें भी मौका मिलेगा। कुछ सीटों पर यह यात्रा बड़ी भूमिका निभाने वाली है। कौन दावेदार क्या कर रहा है इसकी रिपोर्ट भी केंद्रीय मंत्री अमित शाह तैयार करवा रहे हैं। संगठन भी एक अलग रिपोर्ट बीएल संतोष के लिए तैयार कर रही हैं। पार्टी यह पता करना चाह रही है कि किन सीटों पर अधिक मेहनत करने की जरूरत है और कहां पार्टी मजबूत है। पत्याशियों को लेकर जनता में उत्साह है भी या नहीं।
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