Political Story: सरगुजा की 14 सीटों पर BJP का टारगेट मिशन, 11 सर्वे टीम ‘जीताऊ’ प्रत्याशी की खोज में !

By : hashtagu, Last Updated : August 30, 2023 | 12:45 pm

छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तैयारी में इस बार बीजेपी का सरगुजा संभाग (Surguja Division of BJP) की सभी 14 सीटों पर फोकस (Focus on 14 seats) है। इसके पीछे कारण है कि कभी यहां बीजेपी की 10 सीटें निकली थी। लेकिन समय के साथ ही यहां सीटों की संख्या शून्य हो गई है। ऐसे में अमित शाह की रणनीति में सरगुजा संभाग पर 2 साल पूर्व ही शामिल हो गया था। यही वजह भी है कि यहां बीजेपी संगठन के अलावा 11 सर्वे टीम बीजेपी के योग्य उम्मीदवारों की तलाश के लिए लगी है। इतना ही नहीं ये सर्वे टीम बीजेपी विधायकों के हार के कारण और उस दौरान के राजनीतिक हालातों का भी पता लगा रही है। दिसंबर 2022 से उनकी 11 सर्वे टीमें इस क्षेत्र में काम कर रही हैं। इसमें 5 सर्वे टीम अमित शाह की हैं बाकी 6 टीमें विभिन्न एजेंसियां के माध्यम से काम कर रही हैं। ये सर्वे टीमें संगठन, ओम माथुर, जेपी नड्डा के सर्वे से अलग हैं।

  • गौरतलब है कि यहां 11 टीमों को एक-दूसरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस टीम में शामिल सभी सदस्यों को सरगुजिया, कुड़ख जैसी बोली भी सिखाई गई है। जिससे ये आम लोगों के बीच में जाकर यह पता कर सकें कि भाजपा का जिताऊ उम्मीदवार कौन है। भाजपा यहां धीरे-धीरे कर हार की ओर कैसे बढ़ती गई। हर सर्वे ने 3-3 नाम का पैनल भेजा है। भाजपा ने 21 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, इसमें 5 सरगुजा की सीटें है। अगर उम्मीदवारों को देखें तो साफ नजर आता है कि टिकट वितरण में किसी भी बड़े नेता की नहीं चली है।

टीएस सिंहदेव को घेरने की रणनीति

भाजपा अंबिकापुर सीट पर भी जमकर मंथन कर रही है। 2008 के बाद जब यह सीट सामान्य हुई तब से डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ही जीत रहे हैं। जीत का अंतर भी लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में सिंहदेव को घेरने के लिए भाजपा लड़ाकू उम्मीदवार खोज रही है। यहां आलोक दुबे, राजेश अग्रवाल, अनिल सिंह मेजर, कमलभान सिंह मरावी उम्मीदवार की दौड़ में है।

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  • इन दो सीटों पर मशक्कत

  • पत्थलगांव 1993 से कांग्रेस के पास है। यहां भाजपा गाेमती साय, शिवशंकर पैकरा, शालिक साय, सुरेंद्र बेसरा को मैदान में उतार सकती है। सामरी भी कांग्रेस 2013 से जीतती आ रही है। यहां उद्धेश्वरी पैकरा, रामलखन सिंह, सुदेश पैकरा पर दांव लगा सकती है।

हमेशा हारने वाली सीट

भाजपा के लिए सबसे कठिन सीट सीतापुर है। इसे आजादी के बाद से भाजपा नहीं जीत पाई। इस सीट को जीतने के लिए भाजपा यहां से देवनाथ सिंह पैकरा, भगत पैकरा, प्रभात खलको, अनिल निराला को मैदान में उतार सकती है।

  • कुछ नए तो कुछ पुरानों पर दांव : पिछली बार हारे इस बार जीतना चाहते हैं

जशपुर

2013 में यह सीट भाजपा के पास थी। 2018 में कांग्रेस जीती। इस बार रायमुनि भगत, गंगाराम भगत, गणेशराम भगत दौड़ में है।

कुनकुरी

2013 में भाजपा के रोहित साय जीते थे। 2018 में कांग्रेस से यूडी मिंज जीते। अभी विष्णुदेव साय, भरत साय नाम चल रहा है।

सोनहत-भरतपुर

2013 मेंं भाजपा जीती थीं। 2018 में कांग्रेस के गुलाब कामरो जीते। यहां से रेणुका सिंह, रविशंकर सिंह, चंपादेवी पावले का नाम दौड़ में है।

मनेन्द्रगढ़

2013 में श्याम बिहारी जायसवाल भाजपा से जीते। 2018 में कांग्रेस जीती। इस बार श्याम बिहारी, संजय सिंह, धमेंद्र पटवा पर दांव लगा सकती है।

बैकुंठपुर

2013 में भैया लाल भाजपा से जीते थे। 2018 में कांग्रेस जीती। इस बार भाजपा भैयालाल राजवाड़े, देवेंद्र तिवारी, शैलेष शिवहरे दौड़ में है।

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