आज रात 9 बजे के बाद बहनें बांधेगीं भाइयों की ‘कलाई’ पर राखी! 19 साल बाद त्रियोग में रक्षाबंधन

By : hashtagu, Last Updated : August 30, 2023 | 12:07 pm

रायपुर। देशभर में आज रक्षाबंधन का पर्व (Festival of rakshabandhan) मनाया जाएगा। लेकिन इसकी तारीख और समय को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है। सावन पूर्णिमा 30 और 31 अगस्त, दोनों दिन रहेगी, हालांकि 31 अगस्त की सुबह करीब 7.35 बजे पूर्णिमा खत्म हो जाएगी। पंचांगों में आज ही रक्षाबंधन मनाने की सलाह दी गई है।

  • रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

  • ज्योतिषाचार्य डॉ.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार 19 साल बाद त्रियोग (Triyoga after 19 years) में रक्षाबंधन होने जा रहा है। वैदिक पंचांग के अनुसार श्रावण महीने की पूर्णिमा तिथि यानी आज 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू हो जाएगी। लेकिन इसी के साथ भद्रा भी लग जाएगी। भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। भद्रा का समापन 30 अगस्त को रात 9 बजकर 01 मिनट पर होगा।

इस समय बांध सकते हैं राखी

आज रात 09 बजकर 03 मिनट से 31 अगस्त 2023 की सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक राखी बांधने के लिए शुभ समय है। आज भद्रा के कारण राखी बांधने का मुहूर्त दिन में नहीं है। इस दिन रात में 9 बजे के बाद राखी बांधने का मुहूर्त है। इसके अलावा 31 अगस्त को सावन पूर्णिमा सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक है और इस समय में भद्रा नहीं है। ऐसे में 31 अगस्त को सुबह 7 बजे तक बहनें भाई को राखी बांध सकती हैं।

भद्रा में इसलिए नहीं बांधते राखी

शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार हमेशा बिना भद्रा काल में मनाना शुभ होता है। अगर रक्षाबंधन के दिन भद्रा रहे तो इस दौरान राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्राकाल के दौरान किसी भी तरह का शुभ काम नहीं किया जाता है। भद्रा भगवान सूर्य और माता छाया की पुत्री हैं और शनिदेव इनके भाई हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार भद्रा का जन्म दैत्यों के विनाश के लिए हुआ था। जब भद्रा का जन्म हुआ तो वह जन्म लेने के फौरन बाद ही पूरे सृष्टि को अपना निवाला बनाने लगी थीं। इस तरह से भद्रा के कारण जहां भी शुभ और मांगलिक कार्य, यज्ञ और अनुष्ठान होते हैं वहां विघ्न आने लगता है। इस कारण से ऐसी मान्यता है, जब भद्रा लगती है तब किसी भी तरह का शुभ काम नहीं किया जाता है।