Political Story : ‘BJP-कांग्रेस’ में असंतोष से ‘उबरने’ की चुनौती! दोनों को ‘सियासी’ नफा-नुकसान

विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। टिकट की सूची जारी होने के बाद से बीजेपी और कांग्रेस में असंतोष के स्वर सुनाई पड़ने लगे हैं।

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  • Updated On - October 17, 2023 / 04:12 PM IST

  • छत्तीसगढ़। विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) का बिगुल बज चुका है। टिकट की सूची जारी होने के बाद से बीजेपी और कांग्रेस (BJP and Congress) में असंतोष के स्वर सुनाई पड़ने लगे हैं। जहां बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के 90 सीटों में 85 सीटों पर नाम तय कर दिए हैं। इसलिए बीजेपी में असंतोष के सुर (Notes of Dissatisfaction) कई विधानसभा क्षेत्र में दिखाई दिए। जशपुर सीट पर बीजेपी के घोषित प्रत्याशी बदलने को लेकर कार्यकर्ता पार्टी के मुख्यालय पर धरना देने लगे थे। फिलहाल, पार्टी नेताओं की बातचीत के बाद मामला शांत हो गया है। लेकिन अभी कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि 30 सीटों पर कांग्रेस ने अभी अपने उम्मीदवार घोषित (Declared Candidate) किए है। सीटों के हिसाब से कांग्रेस में कमोवेश विरोध के सुर खुलकर सामने नहीं आए हैं। हां, इतना है कि आने वाले समय में आगे की सूची के बाद कांग्रेस में भी असंतोष उभरने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। मिलाजुलाकर इन हालातों से नफा-नुकसान दोनों पार्टियों को होगा।

कांग्रेस की डोगरगढ़ सीट पर विरोध के चलते छोड़ी पार्टी

कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवारों की 30 नामों की पहली सूची जारी की है। पहली सूची में 8 विधायकों की टिकट काटे गए हैं। इसके बाद कांग्रेस में बगावत के सुर उठने शुरू हो गए हैं। डोंगरगढ़ से विधायक भुनेश्वर बघेल ने कहा कि, दूसरी पार्टियों से हमें ऑफर है। कार्यकर्ता इस्तीफा देने के लिए तैयार बैठे हैं। भुनेश्वर ने कहा कि पार्टी ने महत्व नहीं दिया, सिर्फ दिखावा किया। दरअसल, भुनेश्वर बघेल की जगह पार्टी ने हर्षिता स्वामी बघेल को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस की सूची का इंतजार उम्मीदवार काफी समय से कर रहे थे। लिस्ट आने के बाद उसमें अपना नाम नहीं होने से नाराज खैरागढ़ ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कोमल साहू और उनके समर्थकों ने प्रदेश अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया है। डोंगरगढ़ युवा कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष सौरभ वैष्णव ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है। बता दें, कांग्रेस ने खैरागढ़ से यशोदा वर्मा और डोंगरगढ़ से हर्षिता स्वामी बघेल को अपना उम्मीदवार बनाया है।

विधानसभा क्षेत्र सारंगढ़ में भाजपा नेता ने दिया इस्तीफा

भाजपा के दमदार नेता मनोज लहरे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मनोज लहरे ने सारंगढ़ विधानसभा से टिकट की मांगा था, लेकिन पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज करते हुए शिव कुमारी चौहान को अपना प्रत्याशी बना दिया। इससे नाराज मनोज लहरे ने आज भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

आरंग सीट पर कांग्रेस से भाजपा में आए, अब भाजपा के खिलाफ

वेदराम मनहरे कांग्रेस में राजनीति करते रहे। 2 बार जनपद अध्यक्ष और 2 बार जनपद उपाध्यक्ष रह चुके हैं। साल 2018 के चुनाव के बाद भाजपा में आ गए। तब से ही टिकट की आस लिए हुए थे। अब इस चुनाव में वो भाजपा के खिलाफ खड़े दिख रहे हैं। साल 2018 में सतनामी समाज के गुरु बालदास ने अपने बेटे खुशवंत साहब के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इस वजह से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सतनामी समाज का साथ मिला था। वेदराम का वजन कांग्रेस में कम होता गया।

अब कुछ महीने पहले पिता बालदास और पुत्र खुशवंत ने भाजपा का ज्वॉइन कर लिया है। भाजपा ने खुशवंत को टिकट दे दिया और वेदराम का सियासी टेंशन बढ़ा दिया। 6 अक्टूबर को आरंग से हजारों भाजपा कार्यकर्ता रायपुर के बीजेपी मुख्यालय में घुस गए। बड़े नेताओं से मिलने की जिद करते हुए हंगामा कर दिया। आरंग से आए कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमें पैराशूट लैडिंग नहीं चाहिए। आरंग से पैदल मार्च करते हुए पहुंचे कार्यकर्ता जमीन पर बैठ गए और प्रदर्शन करने लगे। ये सभी खुशवंत साहेब को टिकट दिए जाने का विरोध कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों में मनहरे समर्थक भी थे।

कांग्रेस की ममता चंद्राकर बोलीं, टिकट में लेने-देन कोई नई बात नहीं

पंडरिया विधानसभा से विधायक ममता चंद्राकर का भी टिकट काटा गया है। उन्होंने कहा कि, ये हाईकमान का निर्णय है, लेकिन फिर भी एक उम्मीद रहेगी। टिकट में पैसे के लेन-देन के सवाल पर चंद्राकर ने कहा कि इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकती, लेकिन अगर लेन-देन हुआ भी होगा तो राजनीति में यह कोई नई बात नहीं है।

कांग्रेस विधायक अनूप ने टिकट कटने पर ये कहा

अंतागढ़ से विधायक अनूप नाग ने कहा कि, हाईकमान ने किस आधार पर और किस मापदंड पर यह फैसला लिया है, इसके बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता हूं। क्षेत्र की जनता की मैं बहुत सेवा की है। पूरे 5 साल मैंने क्षेत्र का भ्रमण कर जनता के बीच काम किया है। नए प्रत्याशी को उतारे जाने पर अनूप नाग ने कहा कि अच्छा होता इस सवाल का जवाब क्षेत्र की जनता से पूछा जाता। मेरे साथ जुड़े कांग्रेस पार्टी के समर्थक बड़ी संख्या में है| आज लगातार दूर-दूर लोग मेरे घर में आए हुए हैं, निर्दलीय चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता हूं।

8 विधायकों के टिकट काटे गए

पंडरिया से ममता चंद्राकर, खुज्जी से छन्नी साहू, चित्रकोट से राजमन बैंजाम, दंतेवाड़ा से देवती कर्मा, अंतागढ़ से अनूप नाग, डोंगरगढ़ से भुवनेश्वर बघेल, नवागढ़ से गुरुदयाल बंजारे, कांकेर से शिशुपाल सोरी का नाम शामिल हैं। राजमन बेंजाम की जगह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद दीपक बैज चुनाव लड़ेंगे। कर्मा परिवार से देवती कर्मा की जगह अब उनके बेटे छविंद्र कर्मा को मौका मिला है।

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