रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh assembly elections) का बिगुल बज चुका है। यहां 90 विधानसभा सीटों में से 53 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां महिला वोटर्स की संख्या ज्यादा है। यानी की 59 फीसदी सीटों पर महिला वोटर्स (Women voters) किंगमेकर की भूमिका में होंगी। बावजूद इसके कांग्रेस बीजेपी के जीत के फॉर्मूले पर महिला प्रत्याशी फिट नहीं बैठ पा रहे हैं। दोनों पार्टियों को मिलाकर देखें तो अब तक केवल 33 महिलाओं को टिकट दी गई।
कांग्रेस ने सभी 90 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है जिसमें 17 महिलाओं को टिकट दी गई। वहीं बीजेपी ने अब तक 86 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है। जिसमें से 15 महिलाओं को टिकट दी गई। 4 सीटों पर उम्मीदवारों का नाम आना अभी बाकी है। महिला आरक्षण बिल पारित होने के बाद छत्तीसगढ़ में दोनों पार्टियों ने महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा टिकट देने के वादे किए थे। फिलहाल ये वादे सच साबित होते नज़र नहीं आ रहे।
इस बार चुनाव में लगभग 59 फीसदी सीटों पर महिला वोटर्स का वर्चस्व है। 53 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। इनमें 23 आदिवासी के लिए रिजर्व सीटें हैं, जबकि 2 एससी वर्ग के लिए रिजर्व हैं। शेष 28 सीटें सामान्य वर्ग की हैं। बस्तर में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत अधिक रहता है। जबकि मैदानी इलाकों में महिलाएं अपेक्षाकृत कम मतदान करती हैं।
क्योंकि इस बार प्रदेश में ही महिला वोटर्स पुरुषों की तुलना में ज्यादा हैं। ऐसे में दोनों पार्टियों का फोकस है महिलाओं से सबंधित कई योजनाएं लाने पर है। यही वजह है मध्यप्रदेश की तर्ज पर बीजेपी लाडली बहना योजना और कांग्रेस नारी सम्मान योजना लाने की तैयारी कर रही है।
भरतपुर सोनहत, प्रेमनगर, सामरी, अंबिकापुर, कवर्धा, पंडरिया, बलौदा बाजार, रायपुर दक्षिण, भाटापारा, बिलासपुर, बेमेतरा, अहिवारा, गुंडरदेही, जशपुर, धरसींवा, चंद्रपुर, राजिम, पालीतानाखार, बिंद्रानवागढ़, पत्थलगांव, बसना,रामपुर,डौंडीलोहारा,दुर्गग्रामीण, कोटा, खल्लारी, पाटन, खरसिया, अभनपुर, धर्मजयगढ़, राजनांदगांव, महासमुंद, केशकाल, जगदलपुर, कुनकुरी, सरायपाली, लैलूंगा, भानुप्रतापपुर, रायपुर उत्तर, सीतापुर, मरवाही, लुंड्रा, सिहावा, दंतेवाड़ा, खुज्जी, नारायणपुर, कोंडागांव, कांकेर, चित्रकोट, बीजापुर, मोहला मानपुर, बस्तर, कोंटा।
महिला स्व सहायता समूहों को राज्य की अधिकांश योजनाओं से जोड़ा गया है। गौठानों से लेकर आंगनबाड़ी, बच्चों के स्कूल ड्रेस सिलाई से लेकर भोजन और आदिवासी इलाकों में वनोपज की प्रोसेसिंग जैसे काम आज महिलाओं के हाथों में हैं। 2018 से पहले नोनी सुरक्षा योजना, महिला समृद्धि बाजार, सरकारी कॉलेजों में स्नातक तक मुफ्त शिक्षा, महिला स्व सहायता समूहों को दो लाख रुपए तक ब्याजमुक्त ऋण योजनाएं शुरू की गईं।
कांग्रेस ने डौंडीलोहारा से अनिला भेड़िया, प्रतापपुर से राजकुमारी मरावी, लैलूंगा से विद्यावती सिदार,सारंगढ़ से उत्तरी जांगड़े, पाली-तानाखार से दुलेश्वरी सिदार, तखतपुर से रश्मि आशीष सिंह, पामगढ़ से शेषराज हरवंस, बिलाईगढ़ से कविता प्राण लहरे, धरसींवा से छाया वर्मा, कुरूद से तारिणी चंद्राकर, संजारी बालोद से संगीता सिंह, खैरागढ़ से यशोदा वर्मा, भानुप्रतापपुर से सावित्री मंडावी, डोंगरगढ़ से हर्षिता स्वामी बघेल,बैकुंठपुर से अंबिका सिंहदेव, सरईपाली से चातुरी नंद, महासमुंद से डॉ रश्मी चंद्राकर और सिहावा से अंबिका मरकाम को मैदान में उतारा है।
भाजपा की 15 महिला प्रत्याशियों में भरतपुर-सोनहत से रेणुका सिंह, सामरी से उधेश्वरी पैकरा, जशपुर से रायमुनि भगत, पत्थलगांव से गोमती साय, लैलूंगा से सुनीति सत्यानंद राठिया, सारंगढ़ से शिवकुमारी चौहान, चंद्रपुर से बहुरानी संयोगिता सिंह जूदेव, धमतरी से रंजना दीपेंद्र साहू, कोंडागांव से लता उसेंडी, भटगांव से लक्ष्मी राजवाड़े, प्रतापपुर से शकुंतला सिंह पोर्ते, सराईपाली से सरला कोसरिया, खल्लारी अलका चंद्राकर, खुज्जी गीता घासी साहू और पंडरिया भावना बोहरा चुनावी मैदान में हैं।
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