प्रसव पर मचा ‘सियासी’ बवाल! सरोज पांडेय बोलीं, स्वास्थ्य सेवाओं की ‘शर्मनाक’ तस्वीर
By : hashtagu, Last Updated : October 5, 2023 | 7:59 pm
रायपुर। BJP की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद डॉ. सरोज पांडेय (MP Dr. Saroj Pandey) ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के विधानसभा क्षेत्र और जिला मुख्यालय अंबिकापुर में एक महिला द्वारा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical College Hospital) के बाहर सुबह बच्चे को जन्म देने की खबर को प्रदेश की बदहाल हो चली स्वास्थ्य सेवाओं की शर्मनाक तस्वीर बताया है। डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि जब प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के अपने ही इलाके में जब स्वास्थ्य महकमा संवेदनहीनता की पराकाष्ठा कर रहा है तो प्रदेश के दीगर इलाकों की बदहाली का अनुमान तो सहज ही लगाया जा सकता है।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की संजीदगी से जांच होनी चाहिए कि जब बुधवार देर रात रघुनाथपुर (बलरामपुर) निवासी गर्भवती पवित्रा (20) को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तो गुरुवार की सुबह मेडिकल कॉलेज के बाहर महिला ने किन अव्यवस्थाओं के चलते बच्चे को जन्म देने के लिए विवश हुई? गुरुवार सुबह करीब 7 बजे अस्पताल का शौचालय गंदा होने के कारण महिला टॉयलेट के लिए बाहर चली गई। इसी दौरान उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और थोड़ी देर बाद महिला ने वहीं एक बच्चे को जन्म दिया। गर्भवती महिला के पति का यह आरोप बेहद गंभीर है कि अस्पताल के स्टाफ ने हमारी कोई मदद नहीं की।
डॉ. (सुश्री) पांडेय ने महिला के पति के आरोपों पर मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों के उस कथन को गैरजिम्मेदाराना बताया कि अस्तपाल के बाहर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। फिलहाल, बच्चे की हालत गंभीर है। उसे एसएनसीयू में भर्ती कराया गया है। महिला के पति का यह आरोप भी स्वास्थ्य विभाग में चल रही भर्राशाही का परिचायक है कि प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल स्टाफ को इसकी सूचना दी गई थी, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया। इस दौरान अस्पताल के बाहर अन्य महिलाओं ने उसकी दिक्कत देखी तो वो मदद के लिए आगे आईं। उन्होंने ही उसकी पत्नी का प्रसव कराया। बच्चे की हालत ठीक नहीं है। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अव्यवस्थाओं का शिकार है। कुछ समय पहले वहां भोजन की अव्यवस्था को लेकर बात सामने आई थी।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासनकाल में स्वास्थ्य सेवाएँ बदतर हुई हैं। गर्भवती महिलाओं को बेहतर व त्वरित सुविधा के लिहाज से शुरू की गई महतारी एक्सप्रेस भी दम तोड़ रही है। शुरुआत में इस योजना के तहत जहाँ लगभग साढ़े 3 सौ एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा था, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार के नाकारापन के चलते अब महज 1 सौ एंबुलेंस ही संचालित की जा रही है। यह प्रदेश सरकार के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के दावों पर करारा तमाचा है। डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि कांग्रेस ने दीगर वादों की ही तरह स्वास्थ्य संबंधी वादों से भी मुँह मोड़कर निर्लज्जता की हदें पार कर दीं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की खास मौजूदगी में प्रदेश सरकार ने जिस सर्वजन स्वास्थ्य योजना (युनिवर्सल हेल्थ केयर स्कीम) लागू की गई थी, वह प्रदेश में कहीं भी नजर नहीं आ रही है। प्रदेश सरकार के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि इस योजना के तहत कितने लोगों को जाँच की सुविधा और दवाइयाँ नि:शुल्क प्रदान की गईं? डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि कांग्रेस ने वादा किया था कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त डॉक्टर्स, नर्स तथा स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती की जाएगी। पूरा कार्यकाल बीतने को है, प्रदेश सरकार बताए कि प्रदेश के अमूमन सभी प्राथिमक स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर्स, नर्स, स्वास्थ्यकर्मियों, दवाइयों व चिकित्सा उपकरणों के संकट से जूझ रहे हैं। प्रदेश सरकार यह भी बताए कि 6 मेडिकल कॉलेजों को मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में बदलने के वादे पर क्या काम हुआ?
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि बस्तर, सरगुजा तथा सुपेबेड़ा व अन्य दुर्गम क्षेत्रों में हवाई एम्बुलेंस सेवा प्रदान करने के वादे पर सरकार ने एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया। उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव भले सात समंदर पार कर स्वास्थ्य सेवाओं को देखने गए थे, लेकिन छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था ने रायपुर तक को पार नहीं किया। छत्तीसगढ़ की संवेदनहीन सरकार के कारण आम जनता को जूझना पड़ रहा है। भूपेश सरकार की लापरवाही और कुप्रशासन के कारण प्रदेश में 39 हजार से अधिक माताओं की गोद सूनी हो गई। प्रदेश में 39,267 बच्चों की इलाज आदि के अभाव में मौत की बात कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में स्वीकार की है। डॉ. (सुश्री) पांडेय ने कहा कि प्रदेश सरकार महिला सशक्तीकरण और कल्याण के नाम पर केवल जुबानी जमाखर्च कर रही है। जमीनी सच्चाई यह है कि न तो महिलाएँ कहीं भी सुरक्षित हैं, न उनके बेहतर स्वास्थ्य की कोई फिक्र कांग्रेस की इस भूपेश सरकार को है।