छत्तीसगढ़। अगले साल चुनावी साल है इस वजह से कांग्रेस-BJP में हर एक मुद्दे पर वार-पलटवार जारी है। ऐसे में अब छत्तीसगढ़ की सियासत में केंद्र के पैसे के गुणा-गणित पर सियासी जंग मच गई है। कांग्रेस के केंद्र के बकाया और कम मदद देने के सवाल पर बीजेपी ने दावा किया है छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) को केंद्र सरकार हर साल 42 हजार करोड़ रुपए दे रही है।
इसके जवाब में कांग्रेस ने भी आकड़े पेश कर बता दिया कि मोदी की तुलना में मनमोहन की केंद्र सरकार के दौरान कितना पैसा प्रदेश को मिला था। कुल मिलाकर अब मुद्दे को लेकर बीजेपी के मीडिया विभाग के प्रमुख व पेशे से सीए अमित चिमनानी ने प्रेस कांफ्रेंस की। जहां वे लैटटॉप लेकर पहुंचे थे। जिसमें पूरा केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को कितनी रकम मिली है। इसका पूरा लेखा-जोखा था।
प्रदेश के वित्त विभाग और महालेखाकार की वेबसाइट के आधार पर CA अमित ने कहा कि यूपीए की सरकार के वक्त जब देश के क्करू मनमोहन सिंह थे तब राज्य को कुल १० सालों में ८४ हजार करोड़ रुपए मिले थे। कांग्रेस ने ठीक एक दिन पहले दावा किया था कि प्रदेश के मनमोहन सिंह काल में हर साल ५८ हजार करोड़ मिले थे। जबकि मनमोहन सरकार के समय छत्तीसगढ़ प्रदेश का बजट ही ५८ हजार करोड़ रुपए नहीं था। एक पल को कांग्रेस का दावा सही मान भी लें तो दस साल में ये आंकड़ा ५ लाख ८० हजार करोड़ का हो जाता है।
विभागीय वेबसाइट्स के आधार पर CA अमित ने कहा- मनमोहन सिंह के समय प्रति वर्ष औसत छत्तीसगढ़ को केवल ८,५०० करोड़ रुपए ही मिले और कुल राशि मिली लगभग ८५ हजार करोड़ रुपए १० वर्षों में। केंद्र की मोदी सरकार छत्तीसगढ़ को कांग्रेस राज में कुल अब तक के ४ वर्षों में १ लाख ७१ हजार करोड़ यानी औसत प्रतिवर्ष ४२,५०० करोड़ रुपए दे रही है जो कि मनमोहन सरकार के समय औसत ८,५०० करोड रहा अतः यह प्रमाणित हो रहा है कि मोदी सरकार कांग्रेस की मनमोहन सरकार की तुलना में छत्तीसगढ़ को ५ गुना राशि दे रही है।
भाजपा का दावा है कि कांग्रेस की मनमोहन सरकार से छत्तीसगढ़ को १ वर्ष में ५८ हजार करोड़ तो दूर की बात ५ वर्षों में भी ५८ हजार करोड नहीं मिले। साल २००४-०९ तक मात्र लगभग २८ हजार करोड़ ५ वर्षो में और २००९ से २०१४ तक ५ वर्षो में लगभग ५६ हजार करोड़ कांग्रेस की केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को दिए।
भाजपा नेताओं ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस ने इनकम टैक्स के शेयर के रूप में मिली २९,०८० करोड़ राशि को भी झूठा कहा जो कि स्वयं छत्तीसगढ़ फाइनेंस की वेबसाइट पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित है। कॉरपोरेट टैक्स के ३१,४८४ करोड़ की राशि नहीं मिली कांग्रेस ऐसा बता रही हैं। जबकि ये राशि मिल चुकी है,ये बात छत्तीसगढ़ फाइनेंस की ही वेबसाइट पर प्रदर्शित है। जीएसटी की राशि को लेकर भी कांग्रेस सरकार लगातार राशि न मिलने की बात करती आई है। जबकि अधिकृत आंकड़े यह बता रहे हैं कि जीएसटी की टैक्स की राशि और क्षतिपूर्ति की राशि के रूप में राज्य को लगभग ४० हजार करोड़ की राशि प्राप्त हो चुकी है, महज कुछ करोड़ की क्षतिपूर्ति का मिलना बाकी है।
गुरुवार को इसके जवाब में कांग्रेस भी मीडिया के सामने आई, पत्रकारों से चर्चा करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं ने आज पत्रकारवार्ता लेकर यह तुलना करने का प्रयास किया कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय से मोदी सरकार छत्तीसगढ़ को ज्यादा सहायता दे रही है।
यूपीए की केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को ४८ अरब ८ करोड़ ८६ लाख रू. दिया। शिक्षा के अधिकार-केंद्र की यूपीए सरकार ने छत्तीसगढ़ को सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से २३ अरब ८० करोड़ १२ लाख रू. दिया। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम- केंद्र की यूपीए सरकार ने छत्तीसगढ़ को ५० अरब ३६ करोड़ ३१ लाख रू. दिया। इस तरह की दर्जनों योजनाएं गिनवाकर कांग्रेस नेता बोले कि यूपीए ने छत्तीसगढ़ को २२२ अरब ३१ करोड़ २६ लाख की सहायता दी गयी।
भाजपा नेताओं ने मोदी और यूपीए की तुलना तो किया लेकिन आज छत्तीसगढ़ सरकार को मोदी सरकार से जो ५५००० करोड़ की राशि लेना है। उस पर एक शब्द भी नहीं बोला इस चुप्पी क्यों है? भाजपा के ९ सांसद छत्तीसगढ़ की राशि को दिलाने के लिये केन्द्र पर दबाव क्यों नहीं बनाते? हाल ही में हमारा कोल लेबी का ४१४० करोड़ एनपीए का १७२४० करोड़ देने से मना कर दिया।
एक दिन पहले बुधवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा था, हकीकत यह है कि मनमोहन सरकार से छत्तीसगढ़ को एवरेज पूरे १० साल तक ५८००० करोड़ प्रति वर्ष मिलता था, जो कि रमन सरकार के सालाना बजट का ८० प्रतिशत से अधिक था। ५८ हजार करोड़ एक साल एवरेज बताया गया है १० साल में ये राशी ५ लाख ८ लाख करोड़ हो जाती है। अब गुरुवार को कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कहा है कि यूपीए ने छत्तीसगढ़ को २२२ अरब ( करीब २२ हजार करोड़) ३१ करोड़ २६ लाख की सहायता दी। जबकि भाजपा ने आधिकारिक वेबसाइट्स का हवाला देकर इससे अधिक की राशि बताई है, भाजपा ने कहा है मनमोहन सरकार ने १० सालों में प्रदेश को ८५ हजार करोड़ रुपए मिले हैं।