12 जनजाति समुदायों पर सियासत! गागड़ा ने पूछा, विधेयक लोकसभा में सन 2016 में पेश हुआ तो ‘भूपेश बघेल’ ने पत्र किसको लिखा था?

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री महेश गागड़ा (Former minister Mahesh Gagda) ने 12 जनजाति समुदायों (12 Tribe Communities) को ....

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  • Updated On - August 1, 2023 / 07:07 PM IST

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री महेश गागड़ा (Former minister Mahesh Gagda) ने 12 जनजाति समुदायों (12 Tribe Communities) को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा झूठा श्रेय बटोरने की प्रवृत्ति की कड़ी निंदा की है। मुख्यमंत्री बघेल के पत्र लिखने के बाद 12जनजातियों को सूची में शामिल करने संबंधी दावे को निरा हास्यास्पद बताते हुए श्री गागड़ा ने कटाक्ष करते हुए पूछा है कि लोकसभा में तत्संबंधी संशोधन विधेयक ही सन 2016 में पेश हुआ और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार 2018 में बनी तो मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र किसको लिखा था?

गागड़ा ने संशोधन विधेयक की प्रतियाँ जारी कर कांग्रेस के झूठ-फरेब से भरे राजनीतिक आचरण की चर्चा की और मुख्यमंत्री बघेल को याद दिलाया कि जुलाई में राज्यसभा में बिल आया तो कांग्रेस ने पीठ दिखाने का काम जरूर किया था। सूची में शामिल 12 जनजातियों के आदिवासी भाई-बहनों के साथ-साथ प्रदेश की जनता ने देखा है कि कौन शोषित-वंचित आदिवासियों के साथ कौन खड़ा है और कौन नहीं? सब को पता है भाजपा ने इन आदिवासियों के साथ न्याय करके उन्हें उनका हक दिलाया है तो क्रेडिट तो भाजपा को मिलनी ही है।

आदिवासी समाज और जनता अब मुख्यमंत्री के झूठ-फरेब के झांसों में नहीं आएगी, कांग्रेस नाकारा प्रदेश सरकार सत्ता से बेदखल होने के बाद अपने कर्मों को गिनती हुई दिखेगी

भाजपा नेता व पूर्व मंत्री श्री गागड़ा ने कहा कि 2016 का विधेयक संख्या 325 संविधान (अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) पेश हुआ था, तो किस आधार पर मुख्यमंत्री बघेल पहल करने की बात करते हैं? भाजपा पहले भी आदिवासी समाज के साथ खड़ी थी, आज भी खड़ी है और हमेशा खड़ी रहेगी। श्री गागड़ा ने कहा कि मात्रात्मक त्रुटि सुधार कर लाभ देने की कोशिश की गई थी तो पर्दे के पीछे से जाकर हाईकोर्ट से स्टे लेने का काम हुआ। जो लोग हाईकोर्ट गए थे, उन्हें मुख्यमंत्री बघेल ने लाभ के पदों से नवाजा है।

प्रदेश की जनता और 12 जनजाति समाज को यह सच भी भलीभांति पता है। भाजपा की सरकार ने स्कूल, आश्रम, छात्रावासों में प्रवेश और छात्रवृति की भी सुविधा जारी रखी थी, लेकिन मुख्यमंत्री बघेल ने तो सबसे वंचित रखा । श्री गागड़ा ने कहा कि आज बस्तर, सरगुजा से स्थानीय भर्ती को खत्म कर दिया गया है, साथ ही विभागीय पदोन्नति को को भी भूपेश सरकार ने अटकाकर रखा है। मेडिकल कॉलेजों में भर्ती में सैकड़ों बच्चों को प्रदेश कांग्रेस की भूपेश सरकार वंचित कर रही है। आदिवासी समाज और प्रदेश की जनता अब मुख्यमंत्री बघेल के झूठ-फरेब के ऐसे झाँसों में नहीं आने वाली और भविष्य में प्रदेश कांग्रेस की यह नाकारा सरकार सत्ता से बेदखल होने के बाद अपने कर्मों को गिनती हुई दिखेगी।

इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)

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