छत्तीसगढ़। (jheeram ghaatee) आज झीरम घाटी की घटना को हुए 10 साल पूरे हो गए हैं। इसके बावजूद अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई है। बता दें, इधर झीरम जांच आयोग का कार्यकाल भी 6 माह बढ़ा दिया गया है। अभी तक जांच पूरी होने के सवाल पर बीजेपी और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चालू हो गया है। इसके लिए बीजेपी जहां कांग्रेस (Congress) को जिम्मेदार बता रही है।
कांग्रेस ने भाजपा को निशाना बनाते हुए कहा कि बीजेपी ही जांच रोक रही है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी हमें जांच नहीं करने दे रही है। जांच करने के लिए एनआई से भी करने नहीं दे रही है। कहा कि झीरम की घटना में हमारे नेता मारे गए, लेकिन अभी तक उनके परिवारों को न्याय नहीं मिल सका है।
गौरतलब है कि 25 मई 2013 का वो दिन जब सुकमा के झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस के 31 नेताओं की बेरहमी से हत्या कर दी थी। नक्सलियों की ये वारदात ना सिर्फ छग के लिए बल्कि पूरे देश के लिए किसी त्रासदी से कम नहीं थी। इस घटना की करीब 10 साल से जांच चल रहीं है। घटना का कारणों को जानने के लिए बकायदा एक आयोग का गठन भी किया गया। लेकिन बीते सालों में आयोग किसी खास वजह पर नहीं पहुंच सका और उसका कार्यकाल 6 माह और बढ़ा दिया गया।
कार्यकाल बढ़ाएं जाने के बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है कि झीरम के मामले में कांग्रेस की सरकार राजनीति करना चाहती हैं, वाकई यदि गंभीरता होती की परिवार को न्याय मिले तो कार्यकाल में वृद्धि करने की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने ये भी कहा कि दम के साथ बोलते है कि हमारे पास साक्ष्य है,आखिर वो साक्ष्य बाहर क्यों नही आ रहा है। लगातार समय के साथ की जा रही है। वृद्धि से समझ में आता है कि ये उन परिवारों को न्याय ना दिलाकर केवल राजनीति करना चाहते है।
इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री रवींद्र चौबे ने कार्यकाल बढ़ाए जाने की पीछे की वजह से पर्दा उठाते हुए कहा कि कार्यकाल इसीलिए बढ़ाया गया है कि अंतिम बिन्दु तक आयोग पहुंचे। हम उम्मीद करते है की आयोग तय समय पर अपनी रिपोर्ट देगा।