महादेव एप घोटाले पर लोकसभा अध्यक्ष के ‘समक्ष याचिका’ पेश करना ‘भूपेश’ का कोरा राजनीतिक प्रपंच : संदीप शर्मा
By : hashtagu, Last Updated : July 19, 2024 | 4:36 pm
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा (BJP State spokesperson Sandeep Sharma) ने महादेव एप घोटाले को लेकर लोकसभा में भाजपा सांसद संतोष पांडेय के संबोधन के परिप्रेक्ष्य में साक्ष्य प्रस्तुत करने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के समक्ष याचिका पेश किए जाने को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Former Chief Minister Bhupesh Baghel) का कोरा राजनीतिक प्रपंच बताया है।इशर्मा ने कहा कि सत्ता से बेदखल होने और राजनांदगाँव में करारी हार के बाद कांग्रेस में अलग-थलग पड़ चुके बघेल की नियति ही यही हो गई है कि अखबारी सुर्खियों में खुद को बनाए रखने के लिए वह अब इस तरह का पाखंड रचकर बीच-बीच में रोना-धोना मचाते रहें।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का लोकसभा अध्यक्ष बिरला के समक्ष याचिका पेश करना केवल सियासी ड्रामा है और इस तरह की ड्रामेबाजी करके झूठ की राजनीति करने के बघेल माहिर खिलाड़ी हैं। भूपेश सरकार के कार्यकाल में इतने घोटाले और भ्रष्टाचार हुए हैं कि प्रदेश की जनता कराह उठी थी। डीएमएफ घोटाला, राशन घोटाला, शराब घोटाला, कोल घोटाला, महादेव सट्टा एप घोटाला हुआ। रेत, जमीन, पीएससी, गोबर, गौठान जैसे जाने कितने घोटाले भूपेश बघेल के कार्यकाल में हुए हैं और तत्कालीन मुख्यमंत्री होने के नाते वह इस प्रकार की सियासी लफ्फाजियाँ करके अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकते।
- शर्मा ने कहा कि सांसद पांडेय के संसद में दिए गए संबोधन को लेकर प्रलाप कर रहे बघेल में अगर हिम्मत है तो अपनी उपसचिव रही सौम्या चौरसिया के बारे में बोलकर दिखाएँ जो पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से जेल में बंद है और जिसकी जमानत याचिका बार-बार खारिज हो रही है। बघेल को इस बात पर लज्जा कब महसूस होगी कि सौम्या द्वारा बार-बार याचिका लगाने पर अदालत ने सौम्या पर जुर्माना तक ठोका है।
- शर्मा ने कहा कि इस मुद्दे पर बघेल की जुबान पर ताला लगा हुआ है। बघेल सौम्या को लेकर चुप क्यों बैठे हुए हैं जबकि मुख्यमंत्री रहते हुए वह सौम्या के वकील बने फिर रहे थे और कह रहे थे कि सौम्या के साथ गलत हो रहा है। बघेल तब यह भी दावा कर रहे थे कि कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है, कोई शराब घोटाला नहीं हुआ है।
- भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शर्मा ने कहा कि बघेल झूठ का रायता चाहे जितना फैलाएं, पर सत्य और तथ्य अब सामने आ रहे हैं। शराब घोटाले के आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार कर लिया कि शराब घोटाला हुआ था। जिस भूपेश सरकार के कार्यकाल में इतना बड़ा शराब घोटाला हो गया, नकली होलोग्राम तक बन गया जो हाल ही ढेबर के खेत को खोदकर निकाला गया है और बघेल के मुँह में दही जमा हुआ है! कोयला घोटाला हो गया, उसके आरोपियों को जमानत नहीं मिल रही है। राशन घोटाला हो गया।
शर्मा ने कहा कि इसलिए बघेल को इस बात को स्वीकारना चाहिए कि कांग्रेस के शासनकाल में हुए तमाम घोटालों की जाँच की आँच से बचने के लिए इन घोटालों के संरक्षक भूपेश बघेल अब अपनी सफाई देने के लिए लोकसभा अध्यक्ष को चिठ्ठी लिख रहे हैं, याचिका दे रहे हैं।
संसद में दिए गए भाषण पर भूपेश बघेल का यह प्रलाप दरअसल संतोष पांडेय के मुकाबले राजनांदगाँव के लोकसभा चुनाव में पटखनी खा चुकने की खीझ से ज्यादा कुछ नहीं है। शर्मा ने कहा कि घोटालेबाज जो हैं, उनके बारे में विषय उठाने बहुत जरूरी हैं, छत्तीसगढ़ की जनता के हित में है। बघेल अब यह बात अच्छी तरह समझ लें कि अब यह ड्रामा चलने वाला नहीं है। पूरे प्रदेश की जनता बघेल की ड्रामेबाजी और पैंतरेबाजी को समझ चुकी है। इस प्रकार के काम जो भूपेश बघेल ने भ्रष्टाचार करके किया है, उसको दबा नहीं पाएंगे। यह सत्य जनता-जनार्दन ने विधानसभा चुनाव में भूपेश सरकार और लोकसभा चुनाव में खुद भूपेश बघेल को सीधे-सीधे खारिज करके रेखांकित कर दिया है।
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