Press conference : रायपुर के विकास में ‘महापौर’ सबसे बड़ा रोड़ा थे !- मीनल चौबे ने गिनाईं उनके ‘घोटाले’ और नाकामियां

By : madhukar dubey, Last Updated : January 5, 2025 | 3:23 pm

  • कांग्रेस में अगर हिम्मत है तो रायपुर नगर निगम का अगला चुनाव ढेबर के कार्यों पर लड़ कर दिखाए-मीनल चौबे
  • महापौर एज़ाज़ ढेबर का कार्यकाल झूठ से शुरू और झूठ से अंत
  • अव्यवस्थित शहर, जनता परेशान यही है महापौर की पहचान – निगम नेता प्रतिपक्ष
  • रायपुर। नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे (Municipal Corporation Leader of Opposition Meenal Choubey) ने पत्रकार वार्ता लेकर कहा कि नगर निगम का मूल कार्य जनता को व्यवस्थित शहर, पानी, सफाई और बिजली देना होता है। महापौर इन सभी क्षेत्रों में नाकाम रहे। शहर में ना तो विकास हुआ और ना ही जनता को मूलभूत सुविधाएं मिल पायी 2019-20 से लेकर 2023-24 तक केंद्र सरकार के द्वारा 1254 करोड़ 36 लाख 44 हजार रुपए नगर निगम को मिले। जिसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid waste management) सफाई के लिए 74 करोड़ 60 लख रुपए मिले। पैसों का सही प्रबंधन करने में महापौर नाकामयाब रहे। परिणाम स्वरूप जनता को असुविधाओं का सामना करना पड़ा करोड़ों रुपए पेयजल योजना के लिए दिए गए जनता पेयजल के लिए तरसते रहे।

    उन्होंने कहा महापौर एजाज ढेबर का पांच वर्ष का कार्यकाल अत्यंत निराशाजनक रहा। और वह फिसड्डी महापौर साबित हुए। राजधानी के अनुरूप विकास कार्य शुन्य हुए। रायपुर शहर की जनता को एक भी सौगात वे नहीं दे पाए। पांच वर्ष का कार्यकाल उनको मिला जिसमें वे अपनी एक भी उपलब्धि नहीं गिना सकते। बार-बार बूढ़ा तालाब सौन्दर्याकरण की वे बात करते हैं। वहां प्रवेश द्वार से लेकर फव्वारे तक सिर्फ भ्रष्टाचार हुआ है। करोड़ों रुपए के फव्वारे जनता देखने को तरस गई, प्रारंभ से ही फव्वारे बंद रहे, करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गये।

    • गोल बाजार के नाम पर व्यवसाईयों को सब्जबाग दिखाए गए मगर योजना को फलीभूत करने में नाकाम रहे। करोड़ों रुपए जवाहर बाजार में खर्च किया गया और आज भी व्यवसायी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं । मल्टीलेवल पार्किंग की दुर्दशा ही गई है। शहर में उद्यानों का व्यवसायीकरण कर दिया गया। यूथ हब के नाम पर नौजवानों से धोखा किया गया। शहर में बिना टेंडर के काम करवाए गए। डिवाइडर घोटाला इसका उदाहरण है। जनता की गाड़ी कमाई से जनता के लिए बनाए गए भवन को निजी संस्था को हस्तांतरित कर दिया गया और हस्तांतरण के पश्चात करोड़ों रुपए के ऐसो आराम का सामान निगम के कोष से लगवाए गए। बिना किसी प्लानिंग के मावली माता मंदिर का निर्माण की घोषणा की और जनता को धोखा दिया। सफाई कर्मचारियों को रोजाना नाश्ता वितरण की झूठी बातें कही। रायपुर में मिनी मेट्रो ट्रेन की झूठी बातें कहीं।
    • इसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करोड़ों रुपए केंद्र सरकार ने दिए मगर राज्यांश नहीं मिलने के कारण गरीबों को मकान नहीं मिल पाया। देश के गिने-चुने शहरों में दो स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट चलते थे महापौर एजाज ढेबर की नाकामियों के कारण नया रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट रायपुर से छिन गया।

    कुल मिलाकर महापौर का कार्यकाल झूठ से आरंभ होकर झूठ में ही समाप्त हो गया। ना तो वह विकास कर पाए और ना ही जनता को सफाई, बिजली, पानी दे पाए। नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने चुनौती देते हुए कहा कि आगामी निगम चुनाव में अगर कांग्रेस में हिम्मत है तो अगला नगर निगम चुनाव वर्तमान महापौर के कार्यों के आधार पर लड़कर दिखाएं।

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