झीरम कांड पर रमन ने भूपेश को घेरा! कहा-इन्हें जांच से नहीं राजनीति करने से मतलब
By : madhukar dubey, Last Updated : May 25, 2023 | 7:21 pm
पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा झीरम मामले में दिए गए बयान को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि झीरम घाटी की जांच तत्कालीन मनमोहन सिंह जी सरकार के समय एनआईए के हाथ में सौंपी गई थी और उन्होंने 1500 पृष्ठ की चार्जशीट भी 2014 में दाखिल की, भाजपा सरकार ने भी जांच आगे बढ़ाने के लिए जस्टिस प्रशांत मिश्र की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन किया।
जिसकी रिपोर्ट राजभवन को 2021 में सौंप दी गई थी। लेकिन सरकार को उक्त रिपोर्ट पर भी भरोसा नहीं है, इसलिए जस्टिस सतीश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में न्यायिक जांच का विस्तार किया गया। इस आयोग का कार्यकाल भी छह-छह महीने कर बढ़ाया जा रहा है लेकिन आज तक कांग्रेस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है। जब एनआईए ने 1500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी तो इसका सहारा लेकर जांच करने के बजाय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनीति करने में लगे हैं, असल में उन्हें जाँच से कोई मतलब नहीं है केवल राजनीति करने से मतलब है।
नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर भी सीएम भूपेश समेत कांग्रेसी नेताओं पर साधा निशाना
इसके अलावा हाल ही में नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा करने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इसके विरुद्ध टिपण्णी की थी जिसपर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता के मार्ग पर अग्रसर स्वतंत्र भारत में निर्मित हमारे नए संसद भवन के उद्घाटन पर कांग्रेस पार्टी जिस प्रकार की राजनीति कर रही है वो उनकी छोटी मानसिकता का प्रतीक है।
कांग्रेस से भारत का बढ़ता विकास और गौरव देखा नहीं जा रहा है इसीलिए वह विलाप करके इस शुभ अवसर को बाधित करना चाह रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने नए विधानसभा भवन को लेकर भूपेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की दोहरी मानसिकता का उदाहरण यह है कि अटल नगर में निर्मित हो रहे नए विधानसभा भवन का भूमि पूजन हुआ, तब प्रदेश की तत्कालीन राज्यपाल भी आदिवासी समुदाय की सुश्री अनुसुईया उइके जी थीं।
ऐसे समय में राज्यपाल के हाथों भूमिपूजन की जगह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली से राहुल गांधी और सोनिया गांधी को बुलवाकर नए विधानसभा का भूमि पूजन करवाया, यहां तक की शिलान्यास के पत्थर पर आदिवासी समुदाय की अनुसुइया उइके का नाम तक अंकित नहीं किया। यह कांग्रेस की दोहरी मानसिकता और ओछी राजनीति का प्रतीक है।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)
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