छत्तीसगढ़। कहते हैं हर असफलता से सीख लेने वाला व्यक्ति ही आगे जीत हासिल करता है। आत्म मंथन से ही ये सारी चीजें सामने आ पाती हैं। चाहे वह इंसान आम हो या किसी भी पेशे का यह सभी पर लागू होता है। इसलिए हमें अपनी हार से सीख लेकर ही जीत का रास्ता तय होता है। कुछ ऐसे ही अंदाज में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Former Chief Minister Raman Singh) ने एक मीडिया के कार्यक्रम में कहा। उन्होंने बताया कि 2018 में चुनाव में हारने की वजह बताई। उन्होंने स्वीकारा कि आखिरी के दो साल हम धान का बोनस नहीं दे पाए थे, यही वजह है कि आज हम विपक्ष में हैं। जनता एक बार फिर मौका देगी तो आगे सब ठीक कर लेंगे।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने कभी पूर्ण शराबबंदी का वादा किया ही नहीं था। हम हमेशा आंशिक शराबबंदी के पक्षधर रहे हैं। सीएम फेस होने पर वे बोले- मैं कभी सीएम का चेहरा नहीं रहा, हमेशा विधायक दल ही नेता तय करता है।
रमन-पुलिस परिवार को बुलाकर जानकारी दी गई कि छोटे कर्मचारियों के लिए 600 करोड़ की लागत से 50 हजार मकान बनाए जा रहे हैं। 70 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती की जा रही है। कई योजनाएं शुरू की थीं। यह जरूर है कि कुछ कड़े कदम उठाने पड़े थे।
सवाल-बीजेपी ने हारने वालों पर भरोसा किया। क्या विकल्प नहीं हैं?
रमन-85 उम्मीदवार फाइनल हो चुके हैं। इस लिस्ट में शामिल आधे से ज्यादा यानी 40-41 उम्मीदवार पहली बार मैदान में हैं। 16 महिलाओं को मौका दिया। सरपंच, जिला पंचायत सदस्य और गांव का ठेठ किसान चुनाव लड़ रहा है। हर समाज को मौका दिया गया।
सवाल-बीजेपी की सरकार बनी तो क्या आप सीएम कैंडीडेट होंगे?
रमन-भाजपा में सीएम कौन होगा, इसके चयन की प्रक्रिया है। भाजपा किसी का चेहरा सामने रखकर नहीं लड़ती। डा. रमन का चेहरा न कभी सामने था, न रहेगा। पार्टी विधायक दल की बैठक में आम सहमति से चयन होता है। इस बैठक का इंतजार करना होगा।
सवाल-आपकी सरकार ने छत्तीसगढ़वाद को प्रमोट नहीं किया। वजह क्या?
रमन-छत्तीसगढ़ी बोली को भाषा का दर्जा दिया। कामकाज की भाषा में लाने का काम किया। गिल्ली-डंडा, भौंरा खेलना छत्तीसगढ़ियावाद नहीं होता। कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए किसी छत्तीसगढ़िया को नहीं चुना। यूपी, बिहार और एक पंजाब से लोगों को भेजा गया।
सवाल-शराब एक बहुत बड़े मुद्दों में से है। क्या बीजेपी शराबबंदी करेगी?
रमन- वर्तमान सरकार झूठे वादे के आधार पर सत्ता में बैठी है। गंगाजल और गीता पर हाथ रखकर कसम खाई थी। पूर्ण शराब बंदी तो नहीं हुई, लेकिन घर-घर पहुंचकर बांटने का काम जरूर कर रहे हैं। हमने पहले भी कहा था कि हम आंशिक शराबबंदी करेंगे।
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