रानू साहू और सौम्या चौरसिया की मुश्किलें बढ़ीं! नए केस में गिरफ्तारी संभव

By : hashtagu, Last Updated : July 9, 2024 | 3:36 pm

रायपुर। छत्तीसगढ़ कोल स्कैम (Chhattisgarh Coal Scam) मामले में निलंबित IAS रानू साहू (Suspended IAS Ranu Sahu) और कारोबारी दीपेश टांक को सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को जमानत मिल गई है। दोनों की जमानत 7 अगस्त तक के लिए मंजूर की गई है, लेकिन जमानत मिलने के बाद भी रानू साहू का जेल से बाहर आना आसान नहीं है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ED के ओर से चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाला केस में फैसला सुनाया है। प्रवर्तन निदेशालय के अलावा छत्तीसगढ़ EOW भी कोयला घोटाले की जांच कर रही है, जिसमें रानू साहू पहले से जेल में बंद है।

2 जुलाई को EOW ने रानू पर आय से ज्यादा संपत्ति और करप्शन को लेकर नया केस दर्ज किया है। जानकारों के मुताबिक जमानत पर जेल से आने के बाद भी EOW उन्हें नई FIR के तहत गिरफ्तार कर सकती है।

जेल से रिहा हुई तो फिर गिरफ्तार हो सकती हैं रानू साहू

कानून के जानकारों का कहना है रानू साहू पर ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। बाद में EOW ने भी कोल घोटाला मामले में केस दर्ज किया, जिस पर रानू साहू को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा चुकी है और 12 जुलाई तक वे ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल में है।

  • 2 जुलाई को EOW ने रानू साहू पर नई FIR दर्ज की है

रानू साहू पर EOW ने 2 जुलाई को आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में नई FIR दर्ज की है। अगर वे जेल से बाहर आती हैं तो EOW की टीम रानू को नई FIR के मामले में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर सकती है।

आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूछताछ के लिए कोर्ट से रिमांड की मांग कर सकती है। ऐसे में जेल से रिहाई के बाद भी रानू साहू के लिए मुश्किलें पहले से खड़ी हैं।

शराब घोटाला केस में अरविंद सिंह को किया गया गिरफ्तार

इससे पहले शराब घोटाले मामले में ED के केस में जेल में रहे कारोबारी अरविंद सिंह को हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। जमानत मिलने के बाद जैसे ही अरविंद सिंह जेल से बाहर निकला, उसे EOW की टीम ने गिरफ्तार कर लिया।

क्योंकि ED के बाद EOW ने लिकर स्कैम की जांच शुरू कर दी थी और EOW की FIR में अरविंद का नाम था, इसलिए जमानत के बाद भी उसे जेल से रिहाई का फायदा नहीं मिल पाया।

अनवर ढेबर को भी नही मिल पाई थी राहत

  • वहीं, लिकर स्कैम केस में अनवर ढेबर रायपुर की जेल में बंद था। 14 जून को मेडिकल बैकग्राउंड पर हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। 18 जून को जेल से छूटते ही नकली होलोग्राम मामले में यूपी STF की टीम ने गिरफ्तार कर लिया।

19 जून को रायपुर कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर पुलिस मेरठ कोर्ट ले गई थी। बाद में यूपी STF की टीम ने रिमांड पर लेकर अनवर से पूछताछ की थी। इस तरह अनवर को हाईकोर्ट से जमानत तो मिली लेकिन दूसरे केस में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जिससे बेल का फायदा नहीं मिल लाया।

कानूनी जानकारों का मानना है कि सस्पेंड IAS रानू साहू के साथ भी कुछ ऐसा ही हो सकता है। अगर वे जेल से बाहर भी आती हैं, तो उन्हें नई FIR पर गिरफ्तार किया जा सकता है।

रानू साहू पर आपराधिक साजिश का आरोप

EOW ने अपनी FIR में बताया है कि, रानू साहू जुलाई 2021 से जुलाई 2022 तक कलेक्टर कोरबा के रूप में पदस्थ रहीं। उन्होंने लोक सेवक के रूप में काम करते हुए ये संपत्तियां अर्जित की। रानू साहू ने सूर्यकांत तिवारी और उसके सिंडिकेट के सदस्यों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश की।

कोयला ट्रांसपोर्टरों से डीओ और टीपी परमिट जारी किए जाने के लिए 25 रुपए प्रति टन की अवैध वसूली में सक्रिय सहयोग दिया। रानू साहू जहां भी पदस्थ रहीं हैं, वहां पर किसी न किसी जरिए भ्रष्टाचार कर खुद को आर्थिक रूप से समृद्ध करती रही हैं।

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