‘बेलगाम’ बिजली कंपनियों पर लगेगी ‘लगाम’, जानें, क्या बदली व्यवस्था

अब (Chhattisgarh) छत्तीसगढ़ में बिजली कंपनियों की मनमानी नहीं चलेगी।

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  • Updated On - January 7, 2023 / 11:25 AM IST

छत्तीसगढ़। अब (Chhattisgarh) छत्तीसगढ़ में बिजली कंपनियों की मनमानी नहीं चलेगी। (power companies) बिजली शिकायतों का फैसला करने के लिए 8 जिलों में फोरम बनाया जाएगा। जहां कंपनियों के शिकायतों का निस्तारण किया जाएगा। यानी कुल मिलाजुलाकर इन पर पूरी तरह से लगाम लगाई जाएगी। अभी कंपनियों अपनी मनमानी करती थीं। जिस बिजली नियामक आयोग का कंट्रोल तो था लेकिन कोई कारगर समस्या का हल नहीं निकलता था। यही कारण है कि जीरो पॉवर कट और ५६ लाख उपभोक्ताओं वाले छत्तीसगढ़ में बिजली नियामक आयोग अब लोगों की शिकायतें दूर करने के लिए उपभोक्ता फोरम की तरह ८ जिलों में बिजली फोरम शुरू करने की तैयारी की जाएगी। ये सभी फोरम ८ जिलों में सभी कार्यालयीन दिवस पर आम लोगों की बिजली शिकायतों की सुनवाई करेंगे और अधिकतम ३० दिन में करेंगे।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक २५ जिलों में फोरम महीने में एक बार बैठेगा और यही प्रक्रिया होगी। इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। जिन मामलों की सुनवाई होगी, उनमें लो वोल्टेज, लाइन और मीटर फॉल्ट, कनेक्शन न देने, बिजली बिल अधिक जैसे प्रकरण शामिल हैं।

कंपनी के दावे के उलट हालात, कोई उपभोक्ता संतुष्ट नहीं

वैसे कंपनी का दावा है कि यहां 30 से 35 शिकायतें आ रहीं हैं। जिनके निस्तारण समय पर कर लिए जा रहे है। लेकिन धरातल स्तर पर हालात इससे अलग हैं। यही वजह है कि विद्युत नियामक आयोग फोरम के पुनर्गठन का ड्राफ्ट लेकर आया है, जो उपभोक्ताओं को और अधिक अधिकार देगा।

जिलों में फोरम खुलने नहीं लगानी होगी लंबी दौड़

रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुुर में ही फोरम हैं। इन ३ जिलों की अन्य जिलों से दूरी अधिक होने के चलते शिकायतकर्ता फोरम तक पहुंच नहीं पाते। इस व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद अब शिकायतकर्ता को लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।

इस वजह से नहीं हो पा रहे निष्पक्ष फैसले

मौजूदा व्यवस्था के तहत फोरम में २ सदस्य हैं। अध्यक्ष डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से है, जबकि सदस्य का पद स्वतंत्र व्यक्ति के लिए होता है। आरोप लगते रहे हैं कि अध्यक्ष जो कि कंपनी का ही एक अधिकारी होता है, उसके फैसले निष्पक्ष नहीं होते। फोरम के फैसले के विरुद्ध विद्युत लोकपाल को शिकायत की जा सकती है।

विद्युत विनियामक आयोग के सचिव एसपी शुक्ला ने बताया, गठन की वजह

विद्युत विनियामक आयोग के सचिव एसपी शुक्ला ने बताया, विद्युत नियामक आयोग में साल २०२१ में बिजली संबंधित के ७५ मामले दर्ज किए गए, इनमें से ५३ का निराकरण हुआ। २०२१ के पहले के १०९ प्रकरण में से ८६ का निराकरण हुआ। १६ मामलों में आयोग ने संज्ञान लिया, तो ५९ प्रकरण पक्षकारों की ओर से पेश हुए। अभी ४५ प्रकरणों में सुनवाई चल ही रही है। सीजीआरएफ का नया ड्राफ्ट तैयार किया गया है। अगर बिजली कंपनी उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान नहीं कर रही है तो वे सीधे फोरम में आ सकते हैं। फोरम उपभोक्ताओं की पहुंच में होगा।