‘RSS-बजरंग दल’ ने कहा-‘कांग्रेस’ का हिंदू विरोधी फिर चेहरा आया सामने!

By : madhukar dubey, Last Updated : May 4, 2023 | 6:49 pm

रायपुर। प्रदेश की राजधानी रायपुर में स्थित वीएचपी कार्यालय में आज विश्व हिंदू परिषद की शाखा बजरंगदल ने प्रेस वार्ता की। प्रेसवार्ता में बताया गया कि, कांग्रेस के कर्नाटक चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल की तुलना PFIसे कर बजरंग दल को बैन करने की बात कही गई है। उसके अनुसरण में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का बयान भी आया कि, “हमने बजरंगियों को ठीक कर दिया है। हम भी छत्तीसगढ़ प्रदेश में बजरंग दल को बैन करने पर विचार करेंगे।” प्रदेश के मुख्यमंत्री का यह बयान घोर आपत्तिजनक व अलोकतांत्रिक है। उनके इस बयान के माध्यम से हमेशा की तरह कांग्रेस का हिन्दू विरोधी चेहरा फिर सामने आया है। विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल प्रदेश के मुख्यमंत्री व कांग्रेस के इस बयान की घोर निंदा व भर्त्सना करता है।”

इस प्रेसवार्ता में विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष संतोष गोलछा, प्रान्त सह मंत्री घनश्याम चौधरी व बजरंग दल के प्रांत संयोजक ऋषि कुमार मिश्रा ने चर्चा में बताया कि, कर्नाटक राज्य के हो रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी (congress party) ने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल और पीएफआई पर बैन करने क बात कही है, उससे पहले पार्टी ये जान ले की सन २०११-१२ में जब केन्द्र मे मनमोहन सिंह की सरकार थी। तब भी पाठ अध्यक्षा सोनिया गांधी ने भी बजरंग दल पर बैन लगाने का प्रयास किया था। तब उनके प्रमुख सलाहकार केएम. नारायणन ने गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मंगाई थी। और उस रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने सोनिया को बजरंग दल मे बैन लगाने से मना किया था। बजरंग दल शुद्ध रूप से हिन्दू सनातन धर्म और राष्ट्र हित में काम करने वाला धार्मिक संगठन है, जो विश्वस्तरीय संगठन विश्व हिन्दू परिषद के मार्गदर्शन, और नियमों के अनुसार काम करता है।

ज्ञात हो जब कांग्रेस की सरकार ने हमारे मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर बैन लगाया था। और जब जब बैन हटा है, संघ एक बड़ी महाशक्ति के रूप में उभरा है। आज आरएसएस की शक्ति को पूरा विश्व जानता है। इसलिए, किसी सज्जन शक्ति और धार्मिक, देशभक्त संगठन को बैन करने क सोचना महापाप है। पीएफआई का नाम कई बार, आतंकवादी गतिविधियों में और राष्ट्र विरोधी हिंसक वारदातों में आता रह है। पीएफआई की तुलना बजरंग दल से करना, घटिया और गंदी मानसिकता की उपज है। आज तक किसी भी धर्म और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में बजरंग दल का नाम नहीं आया है। बजरंग दल जब भी हिन्दू सनातन धर्म पर कोई आंच आती है तो अपने जान की परवाह किये बिना, अपने धर्म, संस्कृति और राष्ट्र हित में तत्पर और तैयार रहता है।

१९९० के दशक में बाब ‘अमरनाथ की यात्रा जब आतंकवादी हमलों के कारण बंद हुई तब बजरंग दल के सहासी नौजवानों ने यह यात्रा अपनी जान क परवाह ना करते हुए की। जब केंद्र की कांग्रेस सरकार, पवित्र रामसेतु को तोड़ने का पाप कर रही थी। तब पूरे देश जनजागरण का काम किया है। आज भी कहीं लव जिहाद होता है, गौ माता कत्लखाने जाती है, या गौ माता का इलाज करन होता है, मठ मंदिर टूटते है, या कहीं हिन्दु समाज का धर्मांतरण होता है, कहीं हिन्दू समाज के खिलाफ अत्याचार होता है तो ॐ ऐसे अनेक काम के लिए हिन्दू समाज के ढाल के रुप मे बजरंग दल, खड़ा रहता है।

ऐसे पवित्र और रामभक्त संगठन पर बै लगाने की बात करने वालों को हिन्दू समाज कभी क्षमा नहीं करेगा और बैन की बात करने वालों को गंभीर परिणाम देखने क मिलेगा। श्रीरामभक्त बजरंग बली की शक्ति को तो त्रैलोक्य विजेता रावण भी नहीं रोक पाया था। आज के ये लोग क्या रोक पायेंगे। कर्नाटक चुनाव में हिन्दू समाज बजरंग दल बैन करने की बात कहने वाली पार्टी को सब सिखायेगी। मुख्यमंत्री को चाहिए की छतीसगढ़ में हो रहे अंधाधुंध धर्मातरण पर रोक लगाये। लव जिहाद तथा भूमिजिहाद प रोक लगाये। छत्तीसगढ़ की शांत भूमि पर बड़े पैमाने पर जो रोहिग्याओ को बसाकर यहां का माहौल खराब करने प रोक लगाये। श्रीहनुमान की पूंछ पर आग लगाकर लंका दहन कोई नहीं रोक सकेगा। इन सब बातों का जवाब देन देश प्रदेश की जनताअच्छे से जानती हैं।

इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)