‘बाघ के मौत और भैंसावर’ सिंचाई के मुद्दे पर सदन में हंगामा! वन मंत्री केदार सवालों में घिरे
By : hashtagu, Last Updated : February 21, 2024 | 6:36 pm
कांग्रेस विधायक राघवेंद्र सिंह ने अरपा-भैंसाझार सिंचाई प्रोजेक्ट को लेकर सवाल उठाया। जवाब में मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि इसमें काम चल रहा है और लगभग साढ़े 12 हजार हेक्टेयर में सिंचाई का काम हो रहा है। लगभग साढ़े 8 करोड़ के आसपास का काम बाकी है। जिसके बाद 25000 हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
विधायक ने जानकारी मांगी कि कितनी बार इस प्रोजेक्ट का समय बढ़ाया गया। मंत्री ने जवाब में बताया कि 8 बार प्रोजेक्ट का समय बढ़ा गया है। कांग्रेस विधायक ने कहा- 10 साल से काम रुका हुआ है। मंत्री ने फिर कहा की काम जल्द पूरा कर लेंगे।
टूट पड़ा धरमलाल का धैर्य
वहीं धरमलाल कौशिक ने कहा कि मंत्री जी बता रहे हैं कि 25000 में से 12000 में सिंचाई शुरू हो चुकी है। मतलब अभी आधा भी नहीं हुआ है। लागत बढ़ रही है। जिनके खेत में नहर निकाली ही नहीं गई, वहां भी पेंमेंट कर दिया गया है। 10 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का पेमेंट हुआ है, उसे कब तक वापस करेंगे। अधिकारियों पर कार्रवाई कब तक करेंगे।
इसके जवाब में मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि जो संबंधित अधिकारी हैं, उनके ऊपर कार्रवाई की गई है। भूमि अधिग्रहण के मामलों की वजह से देरी हुई है। मंत्री केदार ने कहा- जिन अफसरों के माध्यम से यह चूक हुई है उसके लिए जो भी विधि सम्मत कार्रवाई होगी वह हम करेंगे।
- धरमलाल कौशिक इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा की कार्रवाई कब तक हो जाएगी यह बताइए। मतलब आप बचाने का प्रयास कर रहे हैं। आपको कोई फायदा होगा नहीं, ना नहर का काम हो रहा है, ना सिंचाई हो रही है और उसके बाद में लागत राशि बढ़ाते जा रहे हैं।
कार्रवाई करेंगे तो कितने साल में करेंगे। शीघ्र नहीं ये बताएं कि दो महीना, एक महीना, 15 दिन टाइम लिमिट होना चाहिए। दूसरी बात जो पैसा भुगतान हुआ है गलत आदमी को वह कब तक वसूलेंगे। केदार कश्यप ने कहा कि जो गलत भुगतान हुआ है तत्काल वसूली की कार्रवाई की जा रही है।
धर्मजीत ने कहा ठेकेदार शक्तिशाली है
विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा, 25000 हेक्टेयर में सिंचाई का प्रोजेक्ट है। मंत्री कह रहे हैं कि अभी साढ़े 12 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो रही है, मतलब 50% ही अपने टारगेट को अचीव किया है। आप एक तरफ जवाब दे रहे हैं कि 80% नहर का निर्माण हो गया, फिर साढ़े 12 हेक्टेयर में सिंचाई कैसे हो रही है।
मैं यह बिल्कुल नहीं पूछूंगा कि आठ बार आपने समय वृद्धि क्यों की, आठ बार समय वृद्धि होने के बाद में समझ गया हूं कि इसके ठेकेदार साहब कितने शक्तिशाली हैं। मैं आपसे जानना चाहता हूं कि सिंचाई कब होगी।
हम आपके अधिकारियों से सदन में इतनी बहस नहीं कर सकते। क्या आप इंजीनियर, चीफ इंजीनियर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के साथ भैंसाझार डैम के साइड से बैठ करके हमको स्थल का मूल्यांकन और सत्यापन और भौतिक दर्शन करने का कष्ट करेंगे क्या ।
- चरण दास महंत ने इस मामले में पूछा कि वहां का ठेकेदार कौन है, जिसका जिक्र धर्मजीत जी कर रहे थे। उस ठेकेदार का नाम बता दीजिए। मंत्री केदार ने कहा इसकी जानकारी बाद में दूंगा। अजय चंद्राकर ने बीच में कहा, नहीं ये जानकारी तो दी जा सकती है।
मंत्री ने फिर कहा- मैसर्स राधेश्याम अग्रवाल एवं सुनील अग्रवाल नाम की एजेंसी ने काम किया है। डॉ रमन सिंह ने कहा कि एक बार वरिष्ठ विधायकों के साथ जाकर के अधिकारियों के साथ जाकर के बिलासपुर में समस्या का समाधान करिए, मीटिंग करिए। मंत्री ने हामी भरी।
फिर मरे हुए बाघ ने मंत्री को परेशान किया
चरणदास महंत ने गोमर्डा में मारे गए बाघ को लेकर कहा कि मंत्री जी ने स्वीकार किया है कि न्यायिक जांच चल रही है तो इसलिए हम चुपचाप बैठे हैं। अब आप बता दो कौन सा न्यायिक जांच चल रही है। आपके विभाग वाले असत्य कथन कहलवा रहे हैं।
महंत बोले- न्यायिक जांच विभाग नहीं कर सकता, इसमें जज नियुक्त होते हैं। वह आप कर नहीं सकते विभाग नहीं कर सकता, मैं तो सिर्फ न्यायिक जांच की बात कर रहा हूं। आपने क्यों कहा कि न्यायिक जांच चल रही है। इतना सा बोल दीजिए कि मेरे से गलती हो गई, झूठ बोल रहा हूं, खेद व्यक्त कर रहा हूं और मेरी मांग विधायकों की टीम से जांच इसे स्वीकार कर रहे हैं कि नहीं बता दीजिए।
मंत्री कश्यप ने कहा- वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 55 के अधीन यदि अभियुक्त न्यायिक हिरासत में है। शिकायत अभियुक्त की गिरफ्तारी तिथि से 60 दिन के अंदर फाइल कर दी जानी चाहिए जो अवधि 25 मार्च 2024 को खत्म होने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी में कोर्ट चालान नियम अनुसार दायर किया जाएगा। महंत ने फिर से कहा मैं पूछ रहा हूं कि न्यायिक जांच का आदेश दिखाइए।
लगातार न्यायिक जांच के बयान पर घिरता देख मंत्री केदार कश्यप बोले कि मैंने जो उत्तर दिया है। शायद उसका गलत मतलब निकल गया आपने कहा था न्यायिक जांच, महंत ने कहा- मैं कह रहा हूं कि खेद व्यक्त करिए यदि असत्य कहा है विधायकों की टीम से जांच करवा लीजिए, मंत्री का क्या बिगड़ जाएगा सदन को असली तथ्य पता लग जाएगा।
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