कांकेर। कांकेर शहर से लेकर आसपास के ग्रामीण क्षेत्र इन दिनों जंगली जानवरों ने आतंक(terror by wild animals) मचा रखा है। शहर हो गया गांव में भालू-तेंदुआ सड़कों या नेशनल हाईवे में घूमते हुए आसानी से नजर आते है। सरगुजा और कोरिया में हाथियों के बाद बस्तर के जंगलों भालू-तेंदुआ ग्रामीण अंचल में पहुंचकर जनहानि पहुंचा रहे है। आदमखोर बन चुके भालू -तेंदुआ ग्रामीणों को ग्रास बना रहे है। वन अमला नागरिकों की सुरक्षा करने में असहाय लग रहा है। लगातार जंगली जानवरों का रिहायशी क्षेत्र में घुसकर जनहानि पहुंचाकर वन सुरक्षा के जिम्मेदारों की पोल खोल रहा है।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है। 5 दिसंबर 2024 बाजार से लौट रहे एक ग्रामीण युवक पर तेंदुए ने हमला (Leopard attacked a rural youth)कर उसकी जान ले ली। घटना कांकेर वन परिक्षेत्र के कोदागांव इलाके की है। मृतक की पहचान कोंदागांव बाजारपारा निवासी द्वारका भोयर के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार द्वारका भोयर बाजार से पैदल अपने घर लौट रहा था।इस दौरान वह सड़क किनारे आराम करने के लिए रुका।इसी बीच झाडिय़ों में छिपे तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। घटना के बाद युवक का शव सड़क से करीब 200 मीटर अंदर जंगल में क्षत-विक्षत अवस्था में मिला। घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
यह घटना क्षेत्र में जंगली जानवरों की बढ़ती गतिविधियों की ओर इशारा करती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने की मांग की है। वन विभाग ने तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखने और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
-घटनास्थल पहुंचकर पंचनामा तैयार कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। प्रकरण तैयार कर आगे की कार्यवाही की जायेगी। फिलहाल वन विभाग की टीम गश्त करा रही है।
-रहमान खान
रेंजर कांकेर वन परिक्षेत्र।
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